ताम्र पत्र ग्रन्थ, जैन ग्रंथ एवं ध्वज होगें स्थापित
मुरैना ( मनोज जैन नायक) श्रुत पंचमी महामहोत्सव पूज्य युगल मुनिराजों के पावन सान्निध्य में 31 मई को हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जाएगा ।
श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती बड़ा जैन मंदिर के प्रबंध समिति सदस्य आदित्य जैन नायक द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार पूज्य गुरुदेव संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज, सराकोद्धारक आचार्य श्री ज्ञानसागर महाराज एवं आचार्य श्री आर्जव सागर महाराज के आशीर्वाद से बड़े जैन मंदिर में विराजमान मुनिराजश्री विलोक सागर महाराज व मुनिराजश्री विबोधसागर महाराज के पावन निर्देशन एवं सान्निध्य में 31 मई को मनाई जाएगी ।
श्रुत पंचमी दिगंबर जैन समाज का अति उत्साह से मनाया जाने वाला पर्व है | यह प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। दिगंबर जैन परंपरा के अनुसार श्रुत पंचमी पर्व, ज्ञान की आराधना का महान पर्व है, जो जैन भाई-बंधुओं को वीतरागी संतों की वाणी सुनने, आराधना करने और प्रभावना बांटने का संदेश देता है। श्रुत पंचमी को ज्ञान पंचमी भी कहा जाता है ।
ज्ञान पंचमी जैन समाज द्वारा अपने शास्त्रों के महत्व को पहचानने के लिए मनाया जाने वाला त्योहार है। धार्मिक पुस्तकालयों में संरक्षित पुस्तकों की साफ सफाई कर उनकी पूजा की जाती है। पुस्तकों और लेखन उपकरणों से जुड़े अनुष्ठान किए जाते हैं। सही ज्ञान प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना की जाती है। श्रुत पंचमी जैन धर्म के अनुयायियों के लिए धार्मिक ज्ञान को प्राणी मात्र में प्रचारित करने का एक उद्देश्यपूर्ण दिन है।
शनिवार 31 मई को प्रातः 07 बजे श्रुत पंचमी महामहोत्सव के पावन पर्व पर बड़े जैन मंदिर से गाजे बाजे के साथ भव्य जिनवाणी यात्रा निकाली जाएगी । मां जिनवाणी एवं जैन शास्त्रों को चांदी की पालकी में विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जाएगा । सभी जैन बंधु एवं माताएं जैन शास्त्रों एवं जिनवाणी को सिर पर विराजमान कर अत्यंत ही भक्ति भावना के साथ शोभायात्रा में चलेंगे। मां जिनवाणी की भव्य शोभायात्रा में स्वयं युगल मुनिराज सहभागिता प्रदान करेंगे । जिनवाणी भव्य चल समारोह में पुरुष वर्ग श्वेत वस्त्र, महिलाएं केसरिया साड़ी एवं बालिका मंडल, महिला मंडल एवं विद्यासागर पाठशाला के छात्र अपने विशेष परिधान में शोभायान होगें । भव्य जिनवाणी शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से भ्रमण करती हुई बड़े जैन मंदिर पहुंचेगी । पूज्य युगल मुनिराजों के पावन सान्निध्य में समाज के साधर्मी बंधुओं द्वारा 108 ताम्र पत्र ग्रन्थ, महिला मंडलों व बालिका मंडलों द्वारा 108 जैन ग्रंथ एवं युवाओं व बच्चों द्वारा 108 जैन ध्वज स्थापित किए जायेगें ।
इस पावन अवसर पर परम पूज्य युगल मुनिराजश्री विलोक सागर एवं मुनिराजश्री विबोध सागर महाराज को जैन समाज के श्रावक श्रेष्ठियों द्वारा मां जिनवाणी एवं शास्त्र भेंट किए जायेगें ।
कार्यक्रम पश्चात उपस्थित सभी बंधुओं के लिए स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई है । श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती बड़ा मंदिर कमेटी ने सभी साधर्मी बंधुओं से अधिकाधिक संख्या में कार्यक्रम में सम्मिलित होने की अपील की है ।