लवाड़ा 30 सितंबर को श्री बाहुबली जैन वेलफेयर सोसाइटी के तत्वाधान में अग्रवाल उत्सव भवन पर श्रुत संवेगी मुनिश्री आदित्य सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में पाच-दश उपवास करने वाले तपस्यियों का सम्मान, श्रीजी पर कलशाभिषेक, क्षमावाणी पर्व बड़े उत्साह पूर्वक के मनाया गया।
पर्यूषण पर्व के समापन पर मुनिश्री आदित्य सागर जी महाराज की प्रेरणा-आशीर्वाद से भीलवाड़ा शहर में 3- 5- 10- सोलहकारण उपवास करने वालों का तांता लग गया। बिना विघ्न शालीनता के साथ तपसियों का पारणा हुआ। बाहुबली जैन वेलफेयर सोसाइटी द्वारा विशाल मंडप में भव्य कार्यक्रम को आयोजित किया। जो देखते ही बनता था। पवन कुमार- इंद्रा पाण्डिया परिवार द्वारा तपस्सियो का माल्यार्पण कर, प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह चांदी का सिक्का देकर भाव- भिना स्वागत किया। जनसमुदाय ने अभिवादन कर इनका उत्साह वर्धन किया। इस दौरान बाहुबली महिला मंडल, बालिकाओं ने भक्ति नृत्य द्वारा सुंदर प्रस्तुति दी। एवं आदिनाथ महिला मंडल एवं ज्ञानमती महिला मंडल द्वारा सुंदर मंगलाचरण प्रस्तुत किया। सभी का मन मोह लिया। सोसाइटी के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार छाबड़ा ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत कर समाज में एंबुलेंस चालू करने की योजना शुरू करने की घोषणा की। घोषणा की करते ही कई दानदाताओं ने इस महती योजना में दान देने की घोषणा की। सोसाइटी उनका आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर लाडली संगठन भीलवाड़ा द्वारा स्वर लहरी मांगलिक रीति रिवाजो की सुंदर पुस्तक का का गणमान्य सदस्यों द्वारा विमोचन किया गया इस सुंदर कार्य के लिए मुनिश्री ने आशीर्वाद दिया। मुनिश्री आदित्य सागर जी महाराज का धर्म देशना सुनने का सभी को लाभ मिला। मुनिश्री ने कहा कि मन- वचन- काय से प्राणी मात्र को क्षमा याचना कर अपने कर्मों का क्षय करें। तथा आप सभीआज अपनी बुराई को त्याग कर जाए। सोसाइटी के सदस्यों व सभी मंदिरों के पदाधिकारी ने दीप प्रज्वलन किया। मुनीससंघ का पाद पक्षालन किया। इस उपरांत मुनिश्री अप्रमित सागर जी महाराज के मुखारविंद से शांतिधारा का पाठ हुआ। श्रावकों ने अभिषेक एवं शांतिधारा की। सभी ने गांधोधक लेकर धन्य हुए। समापन पर समाजजन एक दूसरे के गले मिलकर क्षमा याचना की। मंच पर दो भाइयों को बुलाकर एक दूसरे के गले मिलकर क्षमा याचना कर सदैव भाईचारा के साथ जीवन निर्वाह करने का संदेश दिया। इस दृश्य को देखकर सभी भाव विभोर हो गए। इस उपरांत ठंडाई पेयजल का माकूल व्यवस्था की गई। जिसका सभी ने भरपूर आनंद लिया।
श्रीजी पर कलशाभिषेक, क्षमावाणी पर्व बड़े उत्साह पूर्वक के मनाया गया