संतो के दर्शन मात्र से सात भव के कष्ट नष्ट होते हैं
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान
22 मई गुरुवार 2025
प. पू. भारत गौरव श्रमणी गणिनी आर्यिका गुरु मां विज्ञाश्री माताजी ससंघ का ऋषि तीर्थ पर मंगल प्रवेश हुआ। यहां आचार्य श्री प्रसन्न ऋषि जी ससंघ से वात्सल्य मिलन हुआ। दोनों संघों में परस्पर चर्चाएं हुई। प्रातः कालीन भक्ति के पश्चात मंगल उद्बोधन हुआ । सभी उपस्थित जनसमूह को मंगल देशना देते हुए माताजी ने कहा कि – जब एक संत दूसरे संत से मिलता हैं तो वात्सल्य की गंगा बहती है । परंतु आधुनिक युग में परिस्थितियां बहुत विपरीत हो गई । संतों के दर्शन से उनके वात्सल्य मिलन को देखकर सभी को ये प्रेरणा लेनी चाहिए कि हम सभी अलग अलग स्थानों से आये है और पहले कभी आपस में मिले भी नहीं तब भी सभी इतने वात्सल्य के साथ रहते हैं । और आज एक भाई – दूसरे भाई के साथ एक छत के नीचे नहीं रह पा रहे हैं । सभी पैसा कमाने में इतने व्यस्त हो गए कि जिंदगी मस्त है या नही उसका कुछ पता ही नहीं है । हम संतों के दर्शन मात्र से 7 भव का कर्म नष्ट होता है। इसलिए प्रतिदिन देव शास्त्र गुरु के दर्शन करना चाहिए ।
भगवान के देव दर्शन मात्र से संपूर्ण दिन मंगलमय निकलता है आए हुए अशुभ कर्म दर्शन मात्र शांत हो जाते हैं
माताजी ससंघ की निर्विघ्न आहर चर्या आहार चर्या इसी क्षेत्र पर संपन्न हुई ।
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान