राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर हुआ जागरूकता शिविर का आयोजन

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हर क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का है विशेष महत्व, फायदों के साथ कई नुकसान का भी है कारक- सिद्धू
यमुनानगर, 15 मई (डा. आर. के. जैन):
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा ए. डी. आर. सेंटर के कॉन्फ्रेंस हॉल में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुमित्रा कादियान, पैनल अधिवक्ता वी. पी. एस. सिद्धू और अमिता कुमारी ने जिला यमुनानगर के बाल विकास संरक्षण अधिकारियों और पर्यवेक्षकों को प्रौद्योगिकी के फायदे और नुकसान के बारे में अवगत कराया। उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी ने हर जगह अपनी एक मजबूत पकड़ बना ली है। कोई भी क्षेत्र हो उसमें प्रौद्योगिकी का विशेष महत्व है। आज के युग में जहां प्रौद्योगिकी के बिना कोई भी कार्य करना मुश्किल लगता है वहीं इसके बहुत से नुकसान भी देखने को मिलते है। प्रौद्योगिकी के अनेक फायदे हैं, जैसे कि संचार में आसानी, शिक्षा में सुधार, और कार्य कुशलता में वृद्धि, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं, जैसे कि गोपनीयता के मुद्दे, साइबर सुरक्षा के खतरे, और गलत जानकारी का प्रसार। उन्होंने बताया कि प्रौद्योगिकी ने लोगों को दूर बैठे भी आसानी से संवाद करने की सुविधा दी है, जिससे दुनिया छोटी हो गई है, इंटरनेट और ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से अब लोग दुनिया भर में कहीं से भी ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं, प्रौद्योगिकी ने कार्य प्रक्रियाओं को स्वचालित करके और जानकारी तक पहुंच को आसान बनाकर कार्य कुशलता में वृद्धि की है, प्रौद्योगिकी ने बेहतर चिकित्सा उपकरणों और तकनीकों को विकसित करने में मदद की है, जिससे रोगों का निदान और उपचार आसान हो गया है, प्रौद्योगिकी ने नए रोजगारों के अवसर भी पैदा किए हैं, जैसे कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और डिजिटल मार्केटिंग, प्रौद्योगिकी ने लोगों को मनोरंजन के लिए नए तरीके प्रदान किए हैंए जैसे कि ऑनलाइन गेमिंग और स्ट्रीमिंग सेवाएं आदि प्रौद्योगिकी के फायदे है किन्तु साइबर सुरक्षा में प्रौद्योगिकी से जुड़े खतरे बढ़ गए हैं, जैसे कि हैकिंग, वायरसए और फिशिंग, गोपनीयता में प्रौद्योगिकी ने डेटा संग्रह और निगरानी की क्षमता को बढ़ाया है, जिससे गोपनीयता के मुद्दे बढ़ गए हैं, सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर गलत जानकारी का प्रसार बढ़ गया है, जिससे लोगों को भ्रमित होने का खतरा रहता है, प्रौद्योगिकी पर अत्यधिक निर्भरता लोगों को रचनात्मकता और सामाजिक कौशल विकसित करने में बाधा डाल सकती है, प्रौद्योगिकी तक पहुंच में असमानता के कारण सामाजिक असमानता बढ़ सकती है, प्रौद्योगिकी के उत्पादन और उपयोग से कार्बन उत्सर्जन और कचरा उत्पादन बढ़ रहा है, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुमित्रा कादियान ने सभी प्रतिभागियों को नालसा के टोल फ्री नंबर 15100 के बारे में भी अवगत कराया।
फोटो नं. 1 एच.
शिविर में भाग लेते अधिकारी व पर्यवेक्षक………………(डा. आर. के. जैन)

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