राष्ट्रपति भवन में गुरूमाँ पूर्णमति का भव्य स्वागत, आध्यात्मिक चेतना और राष्ट्रहित पर हुई महत्वपूर्ण चर्चा

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प्रेस विज्ञप्ति – सादर प्रकाशनार्थ

राष्ट्रपति भवन में गुरूमाँ पूर्णमति का भव्य स्वागत, आध्यात्मिक चेतना और राष्ट्रहित पर हुई महत्वपूर्ण चर्चा

नई दिल्ली।
आज देश की राजधानी स्थित राष्ट्रपति भवन में आध्यात्मिक जगत की प्रतिष्ठित विभूति गुरूमाँ पूर्णमति का भव्य और गरिमामय स्वागत किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर दिल्ली विधानसभा के माननीय अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता जी ने स्वयं गुरूमाँ की अगवानी कर उन्हें सम्मान प्रदान किया।

राष्ट्रपति भवन परिसर में इस अवसर पर “आचार्यश्री का जयघोष” गूंज उठा, जिससे वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मक चेतना से भर गया। यह दृश्य न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से, बल्कि राष्ट्रीय सांस्कृतिक मूल्यों के संदर्भ में भी अत्यंत प्रेरणादायक रहा।

इस विशेष भेंट के दौरान भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी और गुरूमाँ #पूर्णमति के बीच एक सारगर्भित आध्यात्मिक संवाद हुआ। चर्चा में भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्यों, सामाजिक समरसता, युवाओं में संस्कारों के विकास तथा राष्ट्रहित से जुड़े विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।

गुरूमाँ पूर्णमति ने अपने विचारों में आध्यात्मिक चेतना को राष्ट्र निर्माण से जोड़ते हुए कहा कि जब समाज का नैतिक और आध्यात्मिक स्तर सुदृढ़ होता है, तभी राष्ट्र प्रगति के पथ पर मजबूती से आगे बढ़ता है। महामहिम राष्ट्रपति जी ने भी आध्यात्मिक नेतृत्व की भूमिका की सराहना करते हुए इसे समाज को दिशा देने वाला बताया।

माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्री विजेंद्र गुप्ता जी ने इस अवसर को गौरवपूर्ण बताते हुए कहा कि गुरूमाँ का मार्गदर्शन समाज और राष्ट्र दोनों के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने आध्यात्मिक और संवैधानिक मूल्यों के समन्वय को समय की आवश्यकता बताया।

यह भेंट आध्यात्मिक चेतना, सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रहित के समन्वय का एक सशक्त उदाहरण बनी, जो आने वाले समय में समाज को सकारात्मक दिशा देने में सहायक सिद्ध होगी।

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