रोहिणी-पीतमपुरा क्षेत्र के प्रथम जिनालय श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, रानी बाग के पुनः निर्माण के पश्चात् पंचकल्याणक प्रतिष्ठा की पंचम वर्षगांठ के अवसर पर प. पू. आचार्य श्री १०८ अतिवीर जी मुनिराज के पावन सान्निध्य में श्री आदिनाथ पंचकल्याणक विधान एवं विश्वशान्ति महायज्ञ का भव्य आयोजन दिनांक 4 फरवरी 2024 को महती धर्मप्रभावना के साथ सानंद संपन्न हुआ. समस्त मांगलिक क्रिया पं. मनीष जैन ‘संजू’ के निर्देशन में विधि-विधान पूर्वक संपन्न हुई.
इस अवसर पर मूलनायक श्री शान्तिनाथ भगवान की मनोहारी प्रतिमा का 108 कलशों द्वारा महामस्तकाभिषेक किया गया. सौभाग्यशाली पात्रों द्वारा श्रीजी का प्रथम अभिषेक व शान्तिधारा किया गया. तत्पश्चात श्रीमति बबीता जैन झांझरी (रोहिणी) की सुमधुर संगीत लहरियों के साथ सौधर्म इन्द्र, यज्ञनायक व विशेष इन्द्रों के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं ने श्री आदिनाथ पंचकल्याणक विधान में सम्मिलित होकर धर्मलाभ प्राप्त किया.
धर्मसभा को संबोधित करते हुए पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि जिनमन्दिर सम्यक-दर्शन की प्राप्ति हेतु प्रमुख साधन है. वर्तमान में हम सभी पूजा-पाठ, विधान, व्रत, उपवास आदि धार्मिक क्रियाकलाप में बढ़-चढ़ कर सहभागिता करते हैं, परंतु सम्यक-दर्शन के बिना सभी क्रियाएं पुण्यवर्धक तो हैं मोक्षप्रदायक नहीं। इसलिए मोक्षमार्ग पर बढ़ने से पहले सम्यक-दर्शन की प्राप्ति करनी चाहिए.
कार्यक्रम का समापन विश्वशान्ति महायज्ञ से हुआ जिसमें सभी भक्तों ने प्राणी मात्र के कल्याण की कामना करते हुए आहुति दी. विधान में सम्मिलित सभी श्रद्धालुओं को सौधर्म इन्द्र परिवार द्वारा विशेष उपहार प्रदान किया गया.