रामपुरा में हुआ भव्य मंगल प्रवेश

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मुनि आदित्य सागर जी महाराज ससंघ का
प्रवेश-प्रथमेश आदिनाथ का जन्मकल्याणक मनाएगा जैन समाज
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पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार कोटा

कोटा राजस्थान
1 अप्रेल।

जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का जन्मकल्याणक बुधवार को जैन समाज बड़ी धूम धाम के साथ हर्षोल्लास के मंगलमय वातावरण में मनाएगा । दिगम्बर जैन यात्रा संघ के तत्वावधान में होने वाले इस आयोजन में दिगम्बर जैन श्रमण संघ के महामुनिराज श्रुत संवेगी 108 श्री आदित्य सागर जी (4 पिच्छी ससंघ) का मंगल सानिध्य प्राप्त हो रहा है ।अध्यक्ष चेतन जैन (रामगढ़) ने जानकारी देते हुए बताया कि करोड़ो वर्ष पूर्व जैन धर्म के आदि तीर्थंकर आदिनाथ भगवान का जन्म चैत्र कृष्ण नवमी के दिन हुआ था, उन्ही प्रथमेश के जन्म को कल्याण दिवस मानते हुए पिछले कुछ वर्षों द्वारा रामपुरा जैन समाज द्वारा महोत्सव के रूप में मनाया जाता है ।प्रवक्ता राकेश जैन ‘चपलमन’ ने बताया कि आयोजन हेतु सोमवार को प्रातः 7 बजे कैथूनीपोल जैन मंदिर पर सैकड़ो श्रावकों ने मुनिसंघ की मंगल आगवानी की ओर वही से शोभायात्रा के रूप में गाजे बाजे के साथ मुनिसंघ का रामपुरा में मंगल प्रवेश हुआ ।
बड़ा मन्दिर में सर्वप्रथम मुनिश्री का पाद प्रक्षालन श्री कैलाश जी बाजटा परिवार एवं शास्त्र भेंट का सौभाग्य श्री निखिलेश सेठी परिवार को प्राप्त हुआ ।
इस अवसर पर मुनि श्री ने अपने उद्धबोधन में कहा कि दूसरों से ईर्ष्या रखते हो मतलब कपोत लेश्या में फंसे हो ओर ईर्ष्या करने से लाभ नही हानि ही होती है । हम दूसरे की सफलता या ऊँचाई को देखकर उससे ईर्ष्या करने लगते है जबकि कुछ भी पाने के लिए ईर्ष्या नही पुरुषार्थ की आवश्यकता होती है ।
ओर स्वयं प्रशंसा करने वाला व्यक्ति भी कपोत लेश्या का ही प्रतीक है, इसलिए खुद को ज्ञानी मानने में कोई एतराज नही पर खुद को ज्ञानी कहना कापोत लेश्या में आता है । मंगलवार को भी प्रातः 8:30 बजे मंगल प्रवचन एवं सांय 6:30 बजे आगम से समाधान बड़ा मन्दिर में ही आयोजित होंगे।
संयोजक पदम टोंग्या ने कहा कि बुधवार को प्रातः 7:30 बजे श्रीजी को रथ में आरूढ़ करते हुए मोरी के हनुमानजी, आर्यसमाज रोड, रामपुरा लिंक रोड होते हुए गीता भवन तक शोभायात्रा निकाली जायेगी जिसमें रामपुरा के प्रसिद्ध महिला बैंड के साथ सभी महिलाएं केसरिया साड़ी व पुरूष सफेद वस्त्रों में शामिल होंगे। सौधर्म इंद्र, कुबेर, भगवान के माता पिता एवं विभिन्न इंद्र बग्गियों में सवार होकर गीता भवन पहुचेंगे जंहा श्री जी का पांडुक शिला पर जन्माभिषेक होगा व मुनिश्री का मंगल प्रवचन होगा।
एवं रात्रि को ताराचंद जी मन्दिर में संगीतमय भक्ताम्बर पाठ का आयोजन किया जायेगा।

प्रस्तुति
पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार कोटा
9414674980

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