राजस्थान जैन युवा महासभा एवं जैन कनेक्ट के संयुक्त तत्वाधान में जयपुर के इतिहास में प्रथम बार 18 से 27 मई 2025 तक दुर्गापुरा मे संपन्न होने जा रही है अत्यंत उत्कृष्ट हृदय स्पर्शी मार्मिक अलौकिक जैन रामायण कथा

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यह राम कथा परम पूज्य ध्यान दिवाकर मुनि प्रवर अनुष्ठान विशेषज्ञ विशिष्ट राम कथाकार श्री जय कीर्ति जी गुरुदेव के अमृतमई वाणी में अद्भुत कथा का रसपान कराया जाएगा

 

फागी संवाददाता

राजस्थान की राजधानी जयपुर शहर के इतिहास में राजस्थान जैन युवा महासभा एवं जैन कनेक्ट के संयुक्त तत्वाधान में श्री दिगम्बर जैन मंदिर दुर्गापुरा ट्रस्ट एवं सकल जैन समाज जयपुर के सहयोग से जयपुर शहर में प्रथम बार 18 से 27 मई 2025 तक हृदय स्पर्शी मार्मिक अलौकिक जैन रामायण कथा का वाचन होगा। यह राम कथा हमारे पूर्वाचार्य भगवान श्री रविषेन आचार्य द्वारा लिखित पद्म पुराण भाग 1 भाग 2 भाग 3 इन तीन पुस्तकों में वर्णित अत्यंत उत्कृष्ट जिन भक्ति से युक्त जिन शासन के सिद्धांतों को प्रतिपादन करने वाली कथा है। प्रसिद्ध समाजसेवी जय कुमार जैन कोटा वालों ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया की इस कथा के अंतर्गत भगवान मुनिसुब्रत स्वामी के शासन काल में उत्पन्न हुए आठवें बलभद्र श्री राम की जन्म से लेकर के मोक्ष जाने तक की उनकी अत्यंत उत्कृष्ट कथा का वर्णन किया गया है। हमारे जिन शासन में श्री राम और उनका पूरा कथानक लगभग 12 लाख साल पहले घटित हुआ है। इस कथा का पूरा विवरण अत्यंत जिन भक्ति से परिपूर्ण है। जीवन को जीने के लिए उत्कृष्ट मापदंडों को बताया जाता है। अनुशासन और धैर्य की पराकाष्ठा के साथ में घर परिवार में बड़ों की आज्ञा का पालन करना तथा उसे आज्ञा पालन के कारण मिलने वाले जीवन के उत्कृष्ट फलों को इस कथा के माध्यम से दर्शाया गया है। यह कथा एक ऐसे महापुरुष की कथा है जो हमें जीवन जीने की प्रेरणा सिखाती है और बताती है कि हर परिस्थिति में हमें किस प्रकार से जीवन जीना चाहिए।

संगीतकार विद्यासागर बड़बड़े अक्कीवट जो कि संगीत विशारद है और वह कर्नाटक के प्रसिद्ध संगीतकार है। रामायण कथा महोत्सव अत्यंत प्रभावशाली उत्कृष्ट संगीत में मधुर वाणी के द्वारा एक जीवन के नए अनुभव को देने वाली है, उक्त भव्य संगीतमय जैन रामायण कथा पद्म पुराण पर आधारित है ।इस राम कथा के माध्यम से हम जान सकते हैं कि जिन राम को पूरे संसार में पूजा जा रहा है, माना जा रहा है वह राम इस जिन शासन में अयोध्या नगरी में ही उत्पन्न हुए परंतु हमें इसका ज्ञान नहीं होने से सामान्य जनता यह नहीं समझ पाती है कि राम का जन्म जैन कुल में ही हुआ था, आप इस कथा को सुनकर के समझ पाएंगे इतने बड़े महापुरुष का स्थान हमारी जिन शासन में ही है।

राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान

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