धरोहर प्रर्दशीत
पुरातत्व प्रदर्शनी का शुभारंभ श्री टीके मंजु वेद जी के द्वारा गणिनी आर्यिका सौहार्द मति माताजी के सानिध्य में हुआ।
अपने ही अतीत की विरासत देखकर भाव-विभोर हुए लोग कहां अद्भुत भारतीय संस्कृति।
इंदौर। श्रमण संस्कृति भारतवर्ष ही नहीं विश्व की अत्यंत प्राचीन संस्कृति में से एक है, इसका वृहद इतिहास रहा है। जिसकी गौरव गाथा कहती हैं देश विदेश में लाखों की संख्या में बिखरी पुरातत्व सामग्री जो इसके पुख्ता प्रमाण है। वर्द्धमानपुर शोध संस्थान बदनावर द्वारा इन्दौर महानगर में पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से उसकी एक अत्यंत छोटी सी झलक जनता के सामने प्रस्तुत की जिसे बहुत सराहा जा रहा है।
उक्त जानकारी देते हुए विश्व जैन संगठन इंदौर के अध्यक्ष मयंक जैन ने बताया कि भगवान महावीर के 2550वे निर्वाण वर्ष के दौरान दशलक्षण महापर्व के अंतर्गत धूप दशमी के दिन श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर विद्या पेलेस इंदौर में एक अनोखी प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें देश विदेश में बिखरी जैन पुरातत्व धरोहर को पोस्टरों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी का शुभारंभ श्री टीके मंजु वेद जी के करकमलों से गणिनी आर्यिका सौहार्द मति माताजी के सानिध्य में हुआ। इस अवसर पर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष मुकेश जैन, प्रेमचंद जैन, मयूर जैन, अशोक सामरिया, संतोष जैन सहित संगठन और समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे। प्रदर्शनी संकलन वर्द्धमानपुर शोध संस्थान के संयोजक और विश्व जैन संगठन इंदौर के महामंत्री ओम पाटोदी द्वारा किया गया है। यह प्रदर्शनी अनन्त चतुर्दशी तक देखी जा सकेगी।