उपाध्याय ऊर्जयंत सागर जी
फागी संवाददाता
जयपुर 11 अगस्त
श्री दिगंबर जैन मंदिर वरुण पथ दिगम्बर मानसरोवर में विराजमान परम पूज्य उपाध्याय श्री ऊर्जयंत सागर जी स संघ के पावन सानिध्य में अनेक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं कार्यक्रम में नित्य प्रवचन श्रृंखला में उपाध्याय श्री उर्जयन्त सागर महाराज ने आज आयोजित धर्म सभा में उपस्थित जन समुदाय को मंगल आशीर्वाद देते हुए कहा की जब तक आप धर्म करने की क्रियाओं में प्रीति पूर्वक आचरण नही रखेंगे तब तक आपको कुछ भी मिलने वाला नही है बंधुओं अतिशय क्षेत्र वह होते हैं जहा चमत्कार होते है और जैन दर्शन में चमत्कार को ही नमस्कार है लेकिन चमत्कार के लिए आपके आचरण में और आपके द्वारा की गई धार्मिक क्रियाओं में सरलता एवं विनय भाव का होना बहुत आवश्यक है वर्तमान में व्यक्ति जिनेंद्र देव की शरण में आकर भी भटकता रहता है उसके मन में अहंकार रूपी विकार चलते रहते हैं तब तक धर्म रूपी गहने को आप स्वीकार करने की स्थिति में नही हो सकते धर्म को अंगीकार करने के लिए आपके द्वारा की गई क्रियाओं में सरलता एवं मन में विनय भाव का होना बहुत आवश्यक है वरना तो आप कुछ भी अर्पित करें सब व्यर्थ जा रहा है और सबसे बड़ी गलती आज का मनुष्य सभी प्रकार के दानो को धन से जोड़कर कर रहा है यदि आप आप आहार का दान करना चाहते हैं तो आहार में उपयोग आने वाली वस्तुओं का दान कीजिए यदि आप औषधि का दान करना चाहते हैं तो औषधि में उपयोग आने वाले वस्तुओं का दान कीजिए यदि आप शास्त्र का दान करना चाहते हैं तो शास्त्र का ही दान करें धन का दान करने से इन सब चीजों के दान का फल आपको नही मिल सकता वर्तमान में हमें इसे समझने की बहुत आवश्यकता है जब तक हम धर्म को सुनने और समझने का प्रयास नही करेंगे तब तक हम इसे अपने जीवन में धारण नही कर सकते
संगठन मंत्री विनेश सोगानी ने बताया कि आज आयोजित धर्म सभा का मंगलाचरण के माध्यम से विधिवत शुभारंभ अरुण पाटनी , विनय सोगानी ने भजन की प्रस्तुति से किया इस अवसर पर भगवान महावीर स्वामी एवं वात्सल्य रत्नाकर आचार्य गुरुवर विमल सागर जी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करने का सौभाग्य समाज समिति के कोषाध्यक्ष कैलाश सेठी को प्राप्त हुआ इस अवसर पर एमपी जैन, ज्ञान बिलाला , विनेश सोगानी, गिरीश जैन, सुशीला टोंग्या,अनिल जैन सोड़ा ने सभी अतिथियों का सम्मान किया।
राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान