प्रत्येक जीव ज्ञान का भंडार है उसे जागृत करने की क्षमता हो

0
56

आर्यिका स्वस्तिक भूषण माताजी
जैन गजट संवाददाता महावीर सरावगी नैनंवा
28 मई मंगलवार को मुनि सुब्रत नाथ दिगंबर जैन अतिशष क्षेत्र कैशवंराय पाटन पर आयिका का स्वास्तिक भूषण माता ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए बताया
इस संसार के प्रत्येक जीव में ज्ञान है ज्ञान का स्वयं ही मालिक है ज्ञान को न तो कोई छीन सकता है नहीं कोई मिटा सकता है नहीं कोई चुरा सकता है हमारे अंदर कसाई करने की पाप करने की ताकत है तो इस जीव में भगवान बनने की सामर्थ भी है बस उसे ज्ञान का उपयोग धर्म में लगाना है
गुरु माता ने बताया पापोप्रदेश से अधर्म एवं सदोप्रदेश से धर्म का ज्ञान होता है भावना तब तक होनी चाहिए तब तक भगवान ना बन जाए
हजारों शास्त्र व ग्रंथ पढ़ लिए और ज्ञानी हो गए यह तो वही बात हो गई हाथ में दीपक लेकर चल रहे हो और फिर भी खड़े में गिर रहे हो
माता ने भगवान राम का उदाहरण देते हुए कहा की शबरी भगवान राम के लिए रोज भोजन तैयार करती थी प्रतिदिन उसके लिए बैर लाती थी राम के प्रति इतनी भक्ति थी एक दिन राम को शबरी के आंगन में आना पड़ा शबरी को ज्ञान नहीं था बल्कि निस्वार्थ भक्ति थी शबरी के जैसा निस्वार्थ धर्म करना ही उत्तम धर्म गुरु माता ने बताया
हम लोग भी भगवान की भक्ति भी नरक जाने के डर से एक स्वर्ग जाने के लालच से करते हैं
गुरु माता के तेजस्वी प्रवचनों को सुनने आसपास के गांव के लोग भयंकर गर्मी में भी बाइक से पहुंच कर भी धर्म लाभ लेने एवं गुरु मां का आशीष लेने केसवराय पाटन अतिशेष क्षेत्र पर पहुंचकर धर्म लाभ प्राप्त कर रहे हैं
,महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here