प्रस्तावना -आप किसी संस्था में रहने वाले हाथी को आप उस संस्था से छीन भी नहीं सकते |

0
2

माधुरी कोल्हापुर में रहती थी उसको प्यार लोग महादेवी यह गांव की जान और शान थी , मंदिर की शोभायात्रा हो ,त्यौहार की चमक हो या बच्चो की हसी माधुरी रहती थी लेकिन 30 जुलाई 2025 को विदाई का दिन आया माधुरी को वंतारा ले जा रहा था जिसमे लगभग 7000 लोग शामिल हुए और उन्होंने प्ले कार्ड दिखाए जिसमे लिखा था ” महादेवी के अस्तित्व लड़ाई हम शांतिपूर्वक अंत तक लड़ेंगे ,हमारा हाथी हमारी परंपरा है और लोगो ने इसको सोशल मीडिया पर खूब चलाया |
आईये इस मामले को जानते है जैसे , माधुरी का जीवन परिचय ,माधुरी को वंतरा क्यों ले जाया गया , माधुरी का जीवन गाँव में कैसा था ,गाँव वालो का इसपर क्या कहना है ,साधुगण इस विषय पर क्या सोचते है
इन सब को हम बारी बारी से समझते है
माधुरी जिसे हम महादेवी के नाम से जानते है एक 36 वर्षीय मादा हाथी है जो 1992 से कोल्हापुर महाराष्ट के नंदनी गांव में सरस्वती श्री जिनसेन भट्टारक महास्वामी संसथान जैन मठ में रह रही थी ,वह के लिए एक जानवर नही परिवार का हिस्सा ,धार्मिक ,सांस्कर्तिक पहचान का प्रतिक थी। माधुरी को धार्मिक अनुष्ठान जैसे पंचकल्याणक में शामिल किया जाता था
माधुरी के स्थानांतरण का मामला तब शुरू हुआ जब (PETA ) में मुंबई हाई कोर्ट याचिका दायक कि ,आपकी जानकारी को बताये PETA जिसका पूरा नाम (PEOPLE FOR THE ETHICAl TREATMENT OF ANIMAL ) है जो एक अंतर्राष्टीय गैर लाभकारी संगठन है जानवरो के अधिकारो की स्थापना और संरक्षण के लिए काम करता है जिसमे माधुरी को खराव स्वास्थ
और मनोवैज्ञानिक स्थिति खराब की बात कही गई, PETA ने दावा किया कि माधुरी को कंक्रीट फर्श पर रखा जाता था उसकी दांत और दर्दनाक पैर , मुंह की सड़न आदि की शिकायत बताई गई धार्मिक कार्यक्रम में उसका उपयोग उसकी सेहत के लिए हानिकारक था, हाई कोर्ट ने 16 जुलाई 2025 को राधा कृष्ण टेंपल वेलफेयर ट्रस्ट वनतारा में स्थानांतरण करने का आदेश दिया जिसमे जैन मठ ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दी यह तर्क देते हुए की माधुरी का उपयोग करना उसके आर्टिकल 25 का हिस्सा है ,हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई 2025 को हाई कोर्ट की फैसले को बरकरार रखा यह कहते हुए की जानवरों के जीवन की गुणवत्ता धार्मिक आयोजन से ऊपर है इसके बाद 28 जुलाई 2025 की रात को वन विभाग की निगरानी में माधुरी को वनतारा भेज दिया गया माधुरी की जैन मठ में 38 वर्ष अधिक समय तक रखा गया वह गांव के लिए एक परिवार की तरह थी गांव वालों और निवासियों ने माधुरी के जाने का कड़ा विरोध किया और शांति मार्च निकाले जिसमें लगभग 7000 लोग शामिल हुए पूर्व सांसद राजू सेठी और विधायक राजेंद्र पाटील ने इसमें हिस्सा लिया जिसमें उन्होंने कहा कि माधुरी की अच्छी तरह से जैन मठ में देख देखभाल की जाती थी उसको यहां से ले जाना कतई उचित नहीं है |
विधानसभा सदस्य ने भी इसका कड़ा विरोध किया वहीं दूसरी ओर आचार्य गुरुवर कुंथुसागर सागर महाराज श्री ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की माधुरी को वहां से ले जाना यह कहां तक उचित है जबकि धर्म में हाथी का रहना शुभ माना जाता है अभी गणेश चतुर्थी आ रही है उसमें भी हाथी की पूजा हम सब लोग करते हैं फिर उसको यहां से ले जाना या उसकी पूजा अर्चना करना कहां तक गलत है | सभी जन को इसके लिए आगे आना चाहिए और उसको वापस लाने का प्रयास करना चाहिए वहीं दूसरी ओर आचार्य प्रवर देवनंदी जी महाराज ने भी इस घटना का कड़ा विरोध जाते हम सभी को जैन और जैन उत्तर को एक होकर इसका विरोध करें ताकि हम माधुरी को वापस ला सके , उन्होंने कहा यदि आप वनतारा में से किसी मंदिर या तीर्थ पर एक एक हाथी दे नहीं सकते हो तो आप किसी संस्था में रहने वाले हाथी को आप उस संस्था से छीन भी नहीं सकते ,अब जगह जगह विरोध प्रदर्शन देखने को मिलने लगा है हमारा जैन गजट परिवार भी सरकार से आभान करता है है की इसपर विचार कर माधुरी को बापिस सम्मान के साथ उसके घर बापिस करना चाहिए |
जय जिनेन्द्र
योगेश जैन संवाददाता

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here