दिखी साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल -जयकारों के बीच हुए श्री जी के पंचामृत अभिषेक
फागी संवाददाता
जयपुर /श्री महावीरजी ,24 अप्रैल । करौली जिले में स्थित दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी के वार्षिक मेले के तहत बुधवार को भगवान महावीर की भव्य रथयात्रा निकाली गई । रथयात्रा में श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा । हजारों की संख्या में श्रद्धालु रथयात्रा में शामिल हुए । आस – पास के गांवों सहित देश के कोने – कोने से आए हजारों श्रद्धालु प्रभु की रथयात्रा के इस पावन अवसर में शामिल होकर खुद को धन्य समझ रहे थे । रथयात्रा में शामिल होने के लिए ग्रामीणजन मंगलवार रात ही श्री महावीरजी एवं मंदिर परिसर में आ डटे थे । समूहों में ये ग्रामीणजन रातभर लोकगीतों पर नृत्य कर प्रभु की रथयात्रा के उस अद्वितीय क्षण का इंतजार कर रहे थे । रथयात्रा के शुभारम्भ होने के लगभग दो घंटे पूर्व ही छतों एवं बरामदों में लोगों का जमा होना प्रारंभ हो गया । मुख्य मन्दिर से महावीर भगवान की प्रतिमा का अभिषेक करने के बाद केसरिया वस्त्र पहने , रजत मुकुट लगाये एवं इन्द्रों का रूप धारण किए श्रद्धालुओं ने प्रतिमा को मंदिरजी से पालकी में लाकर बाहर पाण्डाल में स्वर्णिम आभा से सुसज्जित विशाल रथ में विराजमान किया । इससे पहले प्रबंधकारिणी कमेटी द्वारा मूलनायक भगवान महावीर स्वामी की मूर्ति निकालने वाले चर्मकार वंशज के प्रतिनिधि का सम्मान किया गया । इसके बाद आचार्य विमल सागर, उपाध्याय ऊर्जयन्त सागर, मुनि चिन्मयानन्द महाराज के सानिध्य में जयकारों के बीच रथयात्रा का शुभारम्भ हुआ । सबसे आगे निशान का घोड़ा उसके बाद बैण्ड था , जो केसरिया बाना पहनकर स्वर लहरियां बिखेर रहा था । बैण्ड के पीछे 21 केसरिया ध्वज रथयात्रा को विशिष्ट स्वरूप दे रहे थे । वही विभिन्न संस्थाओं के 1000 से अधिक सदस्यगण जयकारे लगाते हुये भक्तिमय माहौल बना रहे थे । उसके पीछे धर्मचक्र और फिर जैन मूल संघ आमनाय भट्टारकजी की पालकी को उठाये श्रद्धालु चल रहे थे । पालकी के पीछे विशालकाय ऐरावत हाथी ग्रामीणों का मन मोह रहा था । ऐरावत पर क्षेत्र कमेटी के संयुक्त मंत्री उमराव मल संघी के साथ समाजश्रेष्ठी विराजमान थे । घोडो वाले नवीन रथ पर जिनवाणी को लेकर इन्द्र कुमार तथा सारथी के रूप संतोष जैन एवं कमेटी उपाध्यक्ष एस के जैन ,रथ पर सुधीर कासलीवाल, अनिल दीवान एवं रुपिन काला चंवर ढुला रहे थे, बैलों वाले मुख्य रथ पर भगवान महावीर की प्रतिमा विराजमान थी । उपजिला कलेक्टर , हिण्डौन हेमराज गुर्जर व प्रबन्धकारिणी कमेटी के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल सारथी के रूप में बैठे थे । वही रथ पर कमेटी के मानद् मंत्री सुभाष चन्द जैन, कोषाध्यक्ष विवेक काला, सदस्य न्यायाधिपति नरेन्द्र कुमार जैन चॅवर ढुला रहे थे । रथयात्रा के साथ प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य नरेश कुमार सेठी , जस्टिस नगेन्द्र कुमार जैन सहित मेले के प्रचार संयोजक विनोद जैनकोटखावदा ,रमेश तिजारिया, राजकुमार कोठयारी, सुरेन्द्र पाण्डया, अशोक जैन नेता , महेश काला , भानू छाबडा , प्रदीप जैन, मनीष बैद, योगेश टोडरका, भारतभूषण जैन, राजेश बड़जात्या,
राकेश छाबड़ा,राजेन्द्र बिलाला, हीरा चन्द बैद , चन्द्रेश जैन , संजय छाबडा , महेश जैन, सुभाष बज, अशोक गंगवाल क्षेत्र के मैनेजर नेमीकुमार पाटनी सहित कई गणमान्य श्रेष्टीजन , जयपुर से आये दिगम्बर जैन सोशल ग्रुपों के दम्पति सदस्य व पूरे देश से आये हजारो श्रद्धालु गण भगवान महावीर के जयकारे लगाते चल रहे थे । रथयात्रा को मीणा जाति के लोग नाचते कूदते गम्भीर नदी के तट पर ले गये गम्भीर नदी के तट पर रथ यात्रा धर्मसभा में परिवर्तित हो गई । यहां श्रीजी की अष्टद्रव्यों से संगीतमय पूजा अर्चना के पश्चात दिगम्बर जैन आचार्य विमल सागर महाराज ने अपने प्रवचन में भगवान महावीर के जीवन चरित्र , सिद्वान्त व उनके द्वारा विश्व कल्याण के लिए किये गये कार्यो पर प्रकाश डाला । क्षेत्र कमेटी अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता सुधान्शु कासलीवाल ने स्वागत उदबोधन देते हुए क्षेत्र एवं पूरे ग्राम में वर्षभर कराये गये विकास कार्यों एवं भावी योजनाओं की जानकारी दी अन्त में जयकारों के बीच पं.मुकेश जैन के निर्देशन में भगवान के जल, इक्षु रस, घृत, दुग्ध, दधि, सर्वोषधि, चन्दन, पुष्प वृष्टि सहित पंचामृत कलशाभिषेक कर मंगल आरती की गई।चतुष्कोण एवं पूर्ण सुगंधित कलशाभिषेक के बाद विश्व में सुख शांति और समृद्धि की कामना करते हुए शांतिधारा की गई। इस मौके पर श्री वीर संगीत मण्डल, जयपुर द्वारा भक्तिरस बरसाया गया, कार्यक्रम में श्रीजी की फूल माल का पुण्यार्जन किया अंत में प्रबन्धकारिणी कमेटी की ओर से उपस्थित सभी महानुभावों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया । इस दौरान पूरा मण्डप जयकारों से गूंजता रहा । धर्मसभा के पश्चात गुर्जर जाति के ग्रामीणजन जिनेन्द्र रथ को मंदिर परिसर तक लेकर आए इस दौरान श्री वीर सेवक मण्डल , जयपुर एवं मंदिर के कार्यकर्ताओं ने व्यवस्थाओं को बखूबी संभाला सायंकाल नदी तट पर हुई घुड़दौड़ एवं उंट दौड़ का भी ग्रामीणों ने आनंद लिया ।इससे पूर्व प्रातः चौबीसी परिसर में भगवान महावीर की खडगासन प्रतिमा के जयकारों के साथ महामस्तकाभिषेक किये गये। विश्व में सुख शांति और समृद्धि की कामना करते हुए शांतिधारा की गई, नाटक व सांस्कृतिक कार्यक्रम ने सभी का मन मोहा – श्री महावीरजी में मंगलवार रात्रि कटला प्रांगण में महिला जागृति संघ, जयपुर द्वारा श्रीमहावीर जी के मेले में नाटक सती अंजना पर आधारित ‘वीर पुत्र हनुमान का जन्म जंगल में’ का सुन्दर मंचन किया गया। इस मौके पर रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। दीप प्रज्जवलन एवं मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम का आगाज़ हुआ, प्रसिद्ध निर्देशक राजू शर्मा एवं अध्यक्ष शशि जैन जैन के निर्देशन में नाटक के दौरान नृत्यांगनाओं की भूमिका निभा रही बच्चियों ने अपनी प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया।श्री महावीर जी की समिति ने पूरी टीम का साधुवाद दिया। इससे पूर्व कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्यों का दर्शकों ने भरपूर आनन्द लिया । प्रभु महावीर की महिमा के गुणगान के साथ ही कलाकारों ने नाटक की प्रस्तुति से जमकर तालियां बटोरीं । *** **** कवि सम्मेलन में किये भगवान महावीर के गुणगान – रात्रि में सांस्कृतिक मंच पर राष्ट्रीयकवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें देश के प्रख्यात कवियों ने भगवान महावीर के कृतित्व व व्यक्तित्व पर कविता पाठ किया । अहिंसा , शाकाहार , त्याग , तपस्या के साथ बेटी बचाओ – बेटी पढाओ तथा कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने एवं देश भक्ति का संदेश,देश के लिए मर-मिटने वाले शहीदों के परिवारों की व्यथा कवियों की कविताओं में झलक रहाथा । कवि सम्मेलन में दिल्ली की मनु वैशाली ने मंगलाचरण किया। मंच संचालक एवं प्रसिद्ध कवि उदयपुर निवासी राव अजात शत्रु ने हे महावीर तेरी जय हो, तेरी जय हो, जय निश्चय हो, हिंसा की चौखट पर दुनिया दुनिया में अहिंसा की जय हो प्रस्तुत कर तालियां श्रोताओं की बटोरी।
,कोटा के डा आदित्य जैन ने जो अहिंसा धार लेता है वही वीर होता है,जो मन को मार लेता है वही महावीर होता है।वीर प्रभू की जय बोलो गीत सुनाया।साथ ही ये वक्त जागरण का है आराम का नही, जिस दिल में भी सम्मान तेरे नाम का नही, उन लोगो के इस देश में रहने का लाभ क्या जो राम का नहीं, वो किसी काम का नही।भीलवाड़ा के राजस्थानी गीतकार राज कुमार बादल ने सत्य और अहिंसा केवल किताबों में बचे हुए हैं। पाप और पुण्य के बीच धुंधली लकीर है, जलती जमीन और आसमां सुलग रहा है, शीतल बौछारें बरसाओं महावीर जी सुनाकर श्रोताओं को भक्ति में ओतप्रोत कर दिया।ललितपुर के करुण रस कवि जैन वीरेन्द्र विद्रोही ने बनके आंखों में आंसू वो नीर हो गये। वो खो गये जहां से तो तस्वीर हो गये। करुणा दया का पाठ पढाकर चले गए, ऐसे महान संत महावीर हो गये सुनाई,श्री महावीरजी के वीर रस कवि प्रहलाद चांडक ने चेतना में शील का यदि चित्र नही है, सब व्यर्थ है यदि चरित्र नहीं है। सात समन्दर से भी गहरा है ये आंखों में जो पानी वाला पहरा है ये
सुनाकर कवि सम्मेलन का मंगलाचरण किया। दूसरे चरण में कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से हास्य व्यग्य पर अपनी पिचकारी छोडते हुये भ्रष्टाचार , राजनीति व आज के समय की समस्याओं , शहीदों के परिवारों की व्यस्था, बेटियों व बहुओं पर अत्याचार पर व्यंग्य कर श्रोताओं को सोचने को मजबूर कर दिया । शुजालपुर के गोविन्द राठी, उदयपुर की दीपिका माही, फरीदाबाद के सरदार मंजीत सिंह, इटावा के गौरव चौहान ने अपनी कविताओं के माध्यम से
श्रोताओं को बांधे रखा।
बारां के मारुति नन्दन ने मै गधा हूं कविता सुनाकर श्रोताओं को हसां हसा कर लोटपौट कर दिया।
राज कुमार बादल ने ने राजस्थानी गीतों के माध्यम से तालियां बटोरी। उपस्थित
श्रोताओं ने कविता पाठ पर तालिया बजाकर कवि सम्मेलन को जागृत बनाये रखा । संचालन उदयपुर के राव अजातशत्रु ने किया । क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष सुधान्शु कासलीवाल, मानद् मंत्री सुभाष चन्द जैन, कोषाध्यक्ष विवेक काला ने सभी कवियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।अन्त में क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष सुधान्शु कासलीवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया । इस मौके पर क्षेत्र कमेटी के उपाध्यक्ष शांति कुमार जैन, मानद् मंत्री सुभाष चन्द जैन,संयुक्त मंत्री उमराव मल संघी,कोषाध्यक्ष विवेक काला, पूर्व अध्यक्ष एन के सेठी,न्यायाधिपति नगेन्द्र कुमार जैन, न्यायाधिपति नरेन्द्र कुमार जैन, सुधीर कासलीवाल, रुपिन काला , प्रचार संयोजक विनोद जैन कोटखावदा,अशोक जैन नेता, महेश काला,भानू छाबड़ा, योगेश टोडरका, राकेश छाबड़ा, प्रदीप ठोलिया,चन्द्रेश जैन, भारतभूषण जैन, अशोक गंगवाल, सुभाष बज सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम में प्रबंधकारिणी कमेटी के अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल एवं मानद् मंत्री सुभाष चंद्र बताया कि आठ दिवसीय श्री महावीर जी के वार्षिक लक्खी मेले का समापन 25 अप्रैल 2024 गुरुवार को दोपहर 2:00 बजे नदी तट पर ग्रामीण खेल कूद एवं कुश्ती दंगल की प्रतियोगिता के साथ हर्षोल्लास से संपन्न हुआ।
राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान