गुवाहाटी: स्थानीय फैंसी बाजार स्थित भगवान महावीर धर्मस्थल में विराजित आचार्य प्रमुख सागर महाराज ने आज धर्मसभा में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा की सबको अपने अनुकूल नहीं किया जा सकता है।स्वय को अपने अनुकूल करो। जो पर के अनुसार स्वय को बनाते हैं। वह हिन भावना से ग्रसित होते हैं। जो पर को अपने अनुकूल बनाते हैं वें अहंकर्तापन से ग्रसित होते है। जो स्वय को पर का कर्ता न मानते हैं, न बनते है,वही ज्ञानी जीव होते हैं। जो आग्रह, दूराग्रह, हठाग्रह से रहित है, उसी में समता रह सकती है। दूराग्रही स्वय व दूसरों को क्लेश में डालता है। वह प्रत्येक कार्य अपने अनुसार चाहता हैं, उसका सरल-सहज होना कठिन है।अर्थात: बुद्धिमान, भव्यपुरुष इस प्रकार ईष्टोपदेश ग्रंथ को अच्छी तरह पढ़ कर अपने आत्मज्ञान से मान-अपमान में समता भाव को फैलाकर आग्रह को त्यागता हुआ, गांव आदि में अधवा वन में निवास करता हुआ उपमारहित, मुक्ति लक्ष्मी को प्राप्त करता है। पुष्प प्रमुख वर्षा योग समिति के मुख्य संयोजक ओम प्रकाश सेठी ने बताया कि आचार्य श्री के अवतरण दिवस के उपलक्ष में कल(रविवार) से तीन दिवसीय प्राणिक हिलीगं कोर्स का आयोजन डॉक्टर सपना पाटनी (धूलिया)द्वारा किया जाएगा। इस कोर्स एवं प्रशिक्षण से लोग घर बैठे अपनी हर बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। इस शिविर में भाग लेने के लिए लोगों को रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। यह जानकारी समाज के प्रचार-प्रसार विभाग के सहसंयोजक सुनील कुमार सेठी द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।।
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