प्रबुद्ध जन सेमिनार मंगलाचरण से प्रारंभ हुआ
जैन मुनि प्रज्ञानसागर महाराज
नैनवा जिला बूंदी 5 अक्टूबर रविवार दोपहर 2:00 बजे शांति वीर धर्म स्थल सेमिनार के मुख्य अतिथि अजय कुमार शुक्ला जिला सेशन न्यायाधीश बूंदी
मुख्य वक्ता श्री डॉक्टर दुडाराम खोकर जिला एव न्यायाधीश नैनवा
अध्यक्षता डॉक्टर संजय गुप्ता जज बूंदी
नैनवा पुलिस उपाध्यक्ष राजू लाल मीणा पुलिस थाना प्रबंधक कमलेश शर्मा आदि का स्वागत सम्मान किया
*
देवेंद्र जैन एडवोकेट का स्वागत सम्मान किया गया
अतिथि द्वारा आचार्य श्री के चित्र दीप प्रज्वलित किया गया
मंगलाचरण की प्रस्तुति श्रीमती शिवानी जैन हरसोला
बालिकाओं द्वारा स्वागत गान
बालिका द्वारा नृत्य की प्रस्तुति
सभी पदाधिकारी का समाज एवं समिति के लोगों ने पहुंचकर तिलक माला दुपट्टा साल प्रसन्न चिन्ह स्वागत सम्मान किया अलका मीना मजिस्ट्रेटका स्वागत सम्मान शिवानी संगीता मोनिका मारवाड़ा द्वारा किया
समाज के सेष्टि में
20 पथ समाज के अध्यक्ष कमल मारवाड़ा वर्षा योग समिति का अध्यक्ष विनोद बरमुंडा द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत सम्मान किया
समिति के सदस्यों में बाबूलाल बरमुंडा नेति लाल कागला प्रवीण सरावगी नाथूलाल मोडीका
शैलेंद्र मारवाड़ा विनोद कुमार जैन मारवाड़ा अशोक मोडीका महावीर सरावगी विनोद बरमुंडा निर्मल पाटनी नरेश मोडीका वैभव बरमुंडा कालू बरमुंडा अतुल एडवोकेट संजय मारवाड़ा आशीष मोडीका प्रमोद जैन अनेक कार्यकर्ताओं ने अतिथियों का तिलक माला भेंट कर स्वागत सम्मान किया
सेमिनार में न्यायाधिकारी पुलिस प्रशासन के अधिकारी अभिभावक डॉक्टर इंजीनियर अध्यापक प्रबुद्ध जनों का समिति द्वारा स्वागत सम्मान किया गया
दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष प्रमोद जैन अपने विचार रखें
देवेंद्र जैन एडवोकेट सेमिनार पर अपने बताया कि आज की आवश्यकता है सेमिनार कराना जरूरी है के समता भाव कैसे बने रहे
जय सिंह आशावत एडवोकेट ने जैन धर्म पर बतलाया जियो और जीने दो का सिद्धांत बताने वाला एक जैन धर्म है मैंने भी भक्तांबर की एक पुस्तक का हिंदी में अनुवाद किया है जो मैं भेंट करूंगा
मुख्य वक्ता जुड़ा राम पोखर ने बताया मनुष्य जीवन में विचार अच्छी सोच कर कार्य करें किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पहला लक्ष्य बनाया जाए किसी ने हमारे प्रति उपकार किया है तो हमको उसे नहीं भूलना चाहिए बल्कि उसके प्रति हम भी उपकार करें भगवान राम ने उपकार किया था उन्हें जान-जान आज भी जानता है उनके उपकार को उन्हें अच्छे महापुरुषों में इसलिए याद किया जाता है
उन्होंने बतलाया के बकरियां चराने वाला रोड के बीच अपनी बकरियों चला रहा है यह उसकी सोच का विषय है कि लोगों को कितनी परेशानी हो रही है मुझे साइड में चलाना चाहिए मनुष्य का विवेक होता है वह बिना विवेक कैसा कार्य कर रहा है इसलिए लोगों को परेशानी हो रही है
मुख्य अतिथि अजय कुमार शुक्ला ने बताया जैन संतों के बीच आने का शुभ अवसर में प्राप्त हुआ है उन्होंने मुनि का आभार व्यक्त किया
जैन धर्म परोपकारी धर्म है यह अहिंसा धर्म है दिगंबर संत सदैव अच्छा ज्ञान का मार्ग बताते हैं उनकी वाणी से जीवन में कल्याण होने वाला मार्ग बदलते हैं
प्रसिद्ध सागर सागर महाराज ने बताया
आज का सेमिनार का महत्व मनुष्य अपने कर्तव्य के प्रति सोच अच्छी बनाएं चिकित्सालय में गरीब लोगों को औषधीय वितरण हो डॉक्टर को ध्यान देना चाहिए
चाहिए गरीब आदमी के प्रति सहानुभूति रखें अध्यापकों को ध्यान देना चाहिए बच्चों को अच्छे पढ़ाये
आपके नैनवा नगर में दो तालाब बहुत सुंदर है इनका सुंदरीकरण कराया जाए
प्रज्ञानसागर महाराज ने बताया
प्रत्येक सरकारी अधिकारी का अपना कार्य एक मंदिर समान होता है और मंदिर में हम किस प्रकार का व्यवहार रखते हैं जिस ऑफिस में हम बैठे हैं वह हमारा एक मंदिर है फिर भी हम मदद ना करें वह व्यक्ति क्या सोचकर हमारे पास में आता है न्याय चाहने के लिए है उसे न्याय नहीं मिलने पर बड़ा परेशान होता है
यह हमारा धर्म नहीं है
भगवान को कर्मों का फल भोगना पड़ा था जीवन में अच्छा बुरा अपने हाथ से मनुष्य करता है उसका फल स्वयं को भोगना पड़ता है
जब रात्रि को मनुष्य भोजन करके विश्राम करता है तो पूरी रात का सिन कक्ष के अंदर वर्णन सामने आ जाता है कि मैं दिन भर के अंदर कितना झूठ कितना पाप कितना सत्य कैसे-कैसे मैं कार्य किया
अपनी आत्मा से अच्छे कार्य करें जो धर्म प्रिय हो गलत कार्य गलत आचरण कार्य करने से अपनी मान प्रतिष्ठा को बहुत बड़ी तकलीफ होती है कहीं बार बड़े-बड़े अधिकारी
अपनी शक्ल दिखाने को नहीं रहते जो रिश्वत में पकड़े जाते हैं उन्हें ध्यान देना चाहिए हम मनुष्य हैं हमारा धर्म दूसरों का उपकार करना मदद करना है गरीब को परेशान करना नही
सेमिनार का संचालन विनोद बनी मोहनलाल जैन मारवाड़ा द्वारा किया गया
आयोजक सकल दिगंबर जैन बिस पांच पंथ समाज नैनवा
महावीर कुमार सरावगी
वर्षा योग प्रचार मंत्री