जैन मुनि श्रुतेशसागर जी सागर महाराज
नैनवा ३नवंबर रविवार 2024 जैन मुनि श्रुतेशसागर जी महाराज ने शांति वीर धर्मस्थल पर प्रात काल की बेला में मंगल प्रवचन करते हुए बताया इस संसार में सबसे अच्छी वाणी जो सुनने मात्र से कल्याण करती है वह प्रभु की वाणी है अन्य किसी भी वाणी से मनुष्य का कल्याण होने वाला नहीं है
आज मनुष्य बिना काम की बातों में समय व्यर्थ गवा रहा है . उसे साधु संतों ईश्वर की वाणी सुनने का समय नहीं है केवल मात्र भोग की वस्तुओं . के लिए वह समय निकल रहा है जिससे जीव का कल्याण होने वाला कभी नहीं है धर्म का कार्य करना नहीं चाहता सुख की चाहत में मनुष्य भगवान के पास वैभव मांगने जा रहा है
जब तक मनुष्य के पास पुण्य नहीं है बिना पुण्य के मनुष्य मंदिर नहीं जा सकता नहीं सत्संग साधु के पास पहुंच जाता है पुण्य का होना बहुत जरूरी है तभी धर्म प्राप्त होगा
इस जीव को मन से ऐसी भावना भान चाहिए कि मुझे भोगों से विभक्ति प्राप्त हो
मुनि ने यह भी बताया कि कर्म कभी समझौता नहीं करते जो मनुष्य ने कर्म किए हैं उनका फल मनुष्य को निश्चित रूप से भोगना ही होगा
मन में भोगों को भोगने वाले भड़काऊ भाव अनेक बार उत्पन्न हुए हैं अब मन में ऐसे भाव उत्पन्न हो जिससे आत्मा का कल्याण हो
प्रभु की शक्ति और पुण्य शक्ति दोनों पर मुनि ने बताया की प्रभु शक्ति प्राप्त होने पर पुण्य की शक्ति प्राप्त होगी बिना पुण्य के धर्म प्राप्त होने वाला नहीं है
ऐसा मुनि ने धर्म सभा को संबोधित में बताया
महावीर कुमार जैन सरावगी
दिगंबर जैन समाज प्रवक्ता नैनवा जिला बूंदी
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