पिछी परिवर्तन के साथ नैनवा से मुनि का बिहार होगा
27 अक्टूबर सोमवार को
नैनवा जिला बूंदी 25 अक्टूबर शनिवार 2025
प्रज्ञानसागर महाराज ने शांति वीर स्थल पर धर्म सभा को बताया
मनुष्य ने जन्म से लेकर मरण तक इस जीवन में मोह में उलझकर अपना पूरा जीवनी समाप्त कर दिया
मृत्यु से वही व्यक्ति घबराता है जिसने अपने जीवन काल में अनेकों बार पाप किए हैं धर्म की क्रिया की नहीं धर्म करने वाला व्यक्ति मौत से कभी भी नहीं घबराते क्योंकि उसे मौत स्वर्ग लोक तक पहुंचाएगी जिसने धर्म किया है
जैन व्यक्ति वही है जिसने अष्ट मूल गुण को धारण किया है धन को छोड़ना चाहिए धर्म को जोड़ना चाहिए तभी मुक्ति का मार्ग मिलेगा
मोक्ष की इच्छा रखने वाले को स्वर्ग मिल जाता है
जैन संत प्रसिद्ध सागर महाराज ने बताया कि मोक्ष जाने के पहले संयम को धारण करना बहुत जरूरी है
सुख आने पर मनुष्य बहुत खुशियां मनाता है और दुख आने पर बहुत परेशान होता है यह मनुष्य का स्वभाव बन गया गृहस्ती जीवन में सुख नहीं है अनेक कोई विकल्प आने पर ही दुख उत्पन्न होता है
पिछी परिवर्तन के साथ ही मुनि का विहार होगा
शांति वीर धर्म स्थल पर वर्षा योग कर रहे दिगंबर संतों का पीछीका परिवर्तन समारोह 27 अक्टूबर दोपहर 11:00 बजेप्रारंभ होगा
जिसमें मुनियों को नवीन पीछि भेट शास्त्र भेंट पाद पक्षालन बोलियां द्वारा संपन्न होगा
वर्षा योग में सभी कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा उसमें समिति द्वारा स्वागत सम्मान किया जाएगा
26 अक्टूबर को अष्टमूल गुण संस्कार समारोह होगा
रविवार को प्रातः 7:00 बजे महाराज जी द्वारा अष्टमूल गुण के संस्कार भक्तों को दिए जाएंगे जिसमें लगभग 100 से अधिक भक्त भाग लेंगे बिना संस्कार के जैन नहीं करता जैन धर्म के संस्कार अंगीकार करने पर जैन कहलाता है
चातुर्मास के प्रचार मंत्री महावीर सरावगी ने जानकारी देते हुए बताया
27 अक्टूबर को दोपहर 5:00 बजे मुनि विहार शांति वीर धर्मस्थल से सदर बाजार होते हुए केवट नगर पहुंचेंगे कीरो के झोपड़े रात्रि विश्राम सरकारी स्कूल में होगा अगले दिन आहार जजावर ग्राम में होगा
महावीर कुमार सरावगी नैनवा















