गुवाहाटी: फैंसी बाजार के दिगंबर जैन(बड़ा) मंदिर में पर्यूषण पर्व के अवसर पर आज चौथे दिन उत्तम शौच की आराधना अत्यंत भक्ति भाव पूर्वक की गई। प्रतिदिन कि भातिं आज भी दस लक्षण मंडल विधान व सोलहकारण मंडल विधान की पूजन संपादित की गई। इससे पूर्व सामूहिक शांतिधारा के अंतर्गत विश्व व देश में शांति स्थापना की प्रार्थना की गई। तत्पक्षात उत्तम शौच की आराधना करते हुए पंडित किरण प्रकाश शास्त्री ने कहा कि हमारे मन में, हमारे वचन में, हमारी काया में, इतनी अ पवित्रता आ गई है, कि उसे पवित्र करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आत्मा में निर्मल होने की शक्ति है, पर जब उसे गंदा करने का प्रयत्रन चल रहा है, तो वह निर्मल कैसे हो सकेगी ? उत्तम शौच धर्म हमें इस सुचित्रा की ओर ध्यान दिलाता है। लोभ का अभाव ही पवित्रता है, सुचिता है। लोभ कषाय को पाप का बाप माना है। क्योंकि प्रत्येक दुराचार- अनाचार कि तह में लोभ निहित होता है। लालच, तृष्णा, लालसा, चाह आदि लोभ के ही नाम है। प्रचार प्रसार के सह संयोजक सुनील कुमार सेठी व जय कु. छाबड़ा ने बताया कि रविवार को पुष्पदंत भगवान के मोक्ष कल्याणक के उपलक्ष्य में श्रीजी के चरणों में लाडू चढ़ाने का सौभाग्य नेमीचंद-चंद्रकला देवी छाबड़ा, रुद्रमल, भागचंद, दीपक कु. रारा, नैना देवी- राजेश कु. काला, महावीर प्रसाद, ललित कु.,मनीष कु. छाबड़ा, भंवरलाल- उर्मिला देवी जैन, विजय कु.- अविनाश कु. छाबड़ा, तथा नरेंद्र कु.- अमीत कु. गंगवाल आदि सौभाग्य परिवार जनों को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम में काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
Unit of Shri Bharatvarshiya Digamber Jain Mahasabha