पारस जैन “पार्श्वमणि” पत्रकार संपूर्ण भारत वर्ष जैन समाज की अनमोल “मणि” है

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विगत 35 सालों से दे रहे है निस्वार्थ भाव से सेवाएं

अदभुत चुंबकीय व्यक्तित्व के धनी है

कोटा राजस्थान
विगत 35 सालों से जैन पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी पारस जैन “पार्श्वमणि” पत्रकार वास्तव में संपूर्ण भारत वर्ष के जैन समाज की अनमोल “मणी” से कम नहीं है। आपने समय समय पर कई विषयों पर अपनी पैनी लेखनी से आवाज उठाई है। आपने मेरी भावना को लेकर पूरे। भारत में आवाज उठा रखी है मेरी भावना को शिक्षण संस्थाओं में पढ़ाया जाए । आप द्वारा कई वर्षों से जैन गजट के साथ साथ कई बड़े बड़े समाचार पत्र पत्रिकाओं माध्यम से समाज हित के कई मुद्दे उठाकर जैन समाज को जागृत करने का प्रयास किया है । साथ ही टीवी चैनलों के माध्यम से पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव, चातुर्मास आदि समस्त जैन कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण , बाद में प्रसारण आदि कार्य भी आपने अपनी प्रखर बुद्धि से किया है। पत्र पत्रिकाओं में मुनिराजों की दिव्य देशना का प्रकाशित होना आपका जैन धर्म दर्शन के प्रति समर्पण दर्शाता है। आपको विभिन्न उपाधियों से अलंकृत किया जा चुका है। आप एक सुप्रसिद्ध कलाकार होने के साथ साथ अपनी सुरीली आवाज में भाव पूर्ण भजनों की भी शानदार प्रस्तुति देते है। कई भजनों की रचना भी की है। हाल ही में राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री आवास पर सैकड़ों लोगों के बीच मुख्यमंत्री श्री भजन लाल जी शर्मा द्वारा पारस जैन “पार्श्वमणि” पत्रकार को “वर्तमान का श्रमण कुमार” और उनकी धर्मपति श्रीमति सारिका जैन को “सतयुग की नारी की नारी” का गौरव प्रदान कर प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है । आपको अभी तक 750 से अधिक विराट अनुष्ठानों आयोजनों में भाव भीना अभिनंदन कर विभिन्न उपाधियों से अलंकृत किया जा चुका है।आप जीवन भर समाज देश राष्ट्र की सेवा ऐसे ही धर्म की प्रभाव मयी कलम चलाते रहे यही वीर प्रभु से मंगलमय कामना है।

प्रस्तुति
सुखमाल जैन
वर्द्धमान प्रिंटर्स पिड़ावा (राजस्थान)

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