प.पू.भारत गौरव गणाचार्य श्री १०८ विरागसागरजी महामुनीराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य प.पू वात्सल्यशिरोमणी सर्वज्ञ तिर्थ प्रणेता श्रमण मुनिश्री १०८ विशेषसागरजी गुरूदेव का आज सुबह मुनिश्री का हिंगणघाट नगरी में केशलोचन करते समय सभी जैन समाज भाविक भक्त उपस्थित में आंनद पुर्व वातावरण नमोकार मंत्र जाप करते हुये हुवा संपन्न हिंगणघाट जि वर्धा महाराष्ट्र में ससंघ विराजमान है।
@विनोद रोकडे जैन मालेगांव✍️