पीएम मोदी ने जैन आध्यात्मिक गुरु आचार्य विद्यानंद महाराज जी की जन्मशताब्दी के अवसर पर आयोजित एक समारोह में उन्हें श्रद्धंाजलि देते हुए उनके महान कार्यों को याद किया। पीएम ने कहा कि सरकार की कई योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन और आयुष्मान भारत अचार्य विद्यानंद महाराज के विचारों प्रेरित हैं और सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इन योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे ताकि कोई भी वंचित न रह जाए। इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया गया। हालांकि आचार्य की स्मृति में अगले एक साल तक अलग-अलग कार्यक्रमांे का आयोजन मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।
परम श्रद्धेय आचार्य प्रज्ञ सागर महाराज जी, श्रावणबेला गोला के भटटारक स्वामी चारूकीर्ति जी ने चन्दन की माला पीएम मोदी जी को भेंट की। भगवान महावीर अहिंसा भारती ट्रस्ट के उपाध्यक्ष श्री आकाश जैन जी ने पीएम मोदी जी को स्म्ति चिन्ह भेट किया। केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी, संासद भाई नवीन जैन जी, श्री सुखराज सेठिया, श्री धमेन्द्र सेठी, श्री पवन गोधा, श्री नवीन जैन, श्री राजेश जैन, श्री जिनेन्द्र जैन, श्री स्वराज जैन, श्री धीरज कासलीवाल, भगवान महावीर अहिंसा भारती ट्रस्ट के प्रेसिडेंट प्रियंक जैन जी, सेक्रेटरी ममता जैन जी, ट्रस्टी पीयूष जैन जी, श्री सुमित जैन, आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने आज विद्यानंद महाराज द्वारा प्राकृत भाषा के लिए किए गए योगदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि प्राकृत भाषा दुनिया की सबसे प्राचीन जीवित सभ्यता इसलिए है, क्योंकि हमारे संतों के अमर विचार इसे जीवंत रखते हैं।
प्राकृत दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है, जो भगवान महावीर के उपदेशों की भाषा भी रही है। पीएम ने बताया कि उनकी सरकार ने पिछले साल प्राकृत को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देकर इसे नया सम्मान दिया है। इस मौके पर मोदी का कहना था कि जैन धर्म से जुड़े प्राचीन ग्रंथों और पांडुलिपियों को डिजिटल करने का अभियान ही तेजी से चल रहा है ताकि आने वाली पीढ़ियों को अपनी समृद्ध विरासत की जानकारी मिल सके।
इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने आपरेशन सिंदूर का भी जिक्र करते हुए जैसे ही कहा जो हमें छेड़ेगा…… वैसे ही वहां मोजूद लोगों ने जोरदार तालियां बजाई। उन्होंने बताया कि एक जैन संत ने अपने संबोधन में ऑपरेशन सिंदूर की प्रशंसा करते हुए आशीर्वाद दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हमेशा अहिंसा का मार्ग दिखाया है और सेवा की भावना हमारी संस्कृति का मूल हिस्सा है। वहीं, पीएम ने अपने नौ संकल्पों की दोहराते हुए लोगों से उनके पालन की अपील की। उन्होंने कहा कि पानी बचाएँ, मां की याद में पेड़ लगाएँ, स्वच्छता रखे, लोकल उत्पादों का उपयोग बढ़ाए,ं देश के अलग-अलग हिस्सों में घूम,ें प्राकृतिक खेती अपनाएं, स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं, खेल और योग करें और गरीबों की मदद करें। पीएम ने कहा कि ये संकल्प देश को विकास की नई उंचाइयों पर ले जाएंगे और भारत को गुलामी की मानसिकता को पूरी तरह आजाद करेंगे।
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