नौगामा में आर्यिका विज्ञान मति माताजी कि सुयोग्य शिष्या पवित्र मति माताजी स संघ बढ़ा रही धर्म की भव्य प्रभावना

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विनाश काले विपरीत बुद्धि बुरे कर्मों के कारण

आर्यिका पवित्र मति माताजी

फागी संवाददाता
नौगामा में परम पूज्य विज्ञान मति माताजी की सुयोग्य शिष्या 105 पवित्रमति माताजी, गरिमाकरण मति माताजी का मंगल चातुर्मास नौगामा नगर में भव्यता के साथ चल रहा है चातुर्मास के तहत 1 सितंबर रविवार को 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, 1008 भगवान महावीर समवशरण मंदिर जी विशेष शांति धारा, अभिषेक के बाद चातुर्मास पंडाल में मंगल प्रवचन हुआ जहां पर आर्यिका श्री ने अपने मंगलमय उद्बोधन में श्रावकों को बताया कि मनुष्य के बुरे कर्मों के कारण विनाशकाले विपरीत बुद्धि आती है उस समय उसके पापों का उदय होता है तो अच्छे कार्य करने जाओ तो भी उसकी बुद्धि बुरे कार्यों की ओर दौड़ती है इसलिए हमेशा जीवन में सदैव अच्छे कार्य करने चाहिए बुरे कार्यों से दूर रहना चाहिए, माताजी ने “लब्धि विधान” की महिमा बताई जो कि प्रतिवर्ष इस माह के चतुर्थी के दिन से शुरू होता है और यह विधान तीन दिन तक चलता है आज प्रवचन से पूर्व जैन पाठशाला के छात्रों द्वारा सामूहिक रूप से पूजन की गई व मंगलाचरण किया गया एवं डडुका नगर से पधारे जैन पाठशाला के छात्र एवं उनके अध्यापक अजीत जी कोटिया, मनोज जैन हाडर्पिपलिया, मध्य प्रदेश से पधारे विजय जी छाबड़ा, सुमित जी छाबड़ा का चातुर्मास कमेटी की ओर से अध्यक्ष निलेश जैन, राजेंद्र गांधी, नरेश जैन द्वारा पगड़ी पहनाकर दुपट्टा लगा कर सम्मान किया गया एवं उन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया, प्रवचन के बाद गरिमामती माताजी द्वारा प्रश्न मंच किया गया एवं प्रश्न मंच का पुरस्कार दोषी मनीष जयंतीलाल द्वारा दिया गया कार्यक्रम का संचालन दीपक पंचोली द्वारा किया गया उक्त जानकारी जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा को जैन समाज प्रवक्ता सुरेश चंद्र गांधी द्वारा दी गई।

राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान

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