नैनवा जिला बूंदी पिछिका परिवर्तन समारोह में उमडा संपूर्ण जैन समाज

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नैनवा जिला बूंदी पिछिका परिवर्तन समारोह में उमडा संपूर्ण जैन समाज
आचार्य वाकेश्वरी परम पूज्य विनिश्चय सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य जैन मुनि प्रज्ञानसागर 108 प्रसिद्ध सागर महाराज प्रथम वर्षा योग में उमड़ा पूरा हाडोती संभाग

, 27 अक्टूबर सोमवार दोपहर 2:00 बजे समारोह मंगलाचरण बालिका द्वारा किया गया
बाहर से आए अतिथि टीकमगढ़ सागर भोपाल द्वारा गुरु का चित्र दीप प्रज्वलित किया गया
मुनि के पाद पक्षालन करने का सौभाग्य श्री मोहनलाल कमल कुमार मारवाड़ा ने सौभाग्य प्राप्त किया
मुन्नी को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य विशुद्ध वर्धिनी महिला मंडल द्वारा
सभी भक्तों ने मुनि की अष्ट द्रव्य से बारी बारी से पूजन की गई महिला मंडलों द्वारा युवाओं द्वारा वर्षा योग समिति द्वारा
नवीन पिछिका की बोली द्वारा
प्रज्ञानसागर जी महाराज का सौभाग्य न्यूनतम पिछी भेंट करने का मोहनलाल कमल कुमार मनीष कुमार जॉनी रविन जैन शुभम जैन मारवाड़ा परिवार ने सौभाग्य प्राप्त किया
प्रसिद्ध सागर महाराज को पिछिका का भेंट करने का सौभाग्य
वर्षा योग समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार महेंद्र कुमार प्रमोद कुमार भावेश कुमार जैन बरमुंडा परिवार ने सौभाग्य प्राप्त किया
समारोह में वर्षा योग में अपना सहयोग प्रदान करने वाले सभी कार्यकर्ताओं का तिलक माला दुपट्टा साल प्रसन्न चिन्ह देकर स्वागत सम्मान किया गया
प्रसिद्ध सागर महाराज ने बताया
नैनवा बहुत ही अच्छी धर्म नगरी है यहां के सभी भक्तों ने चार माह संतों की बहुत सेवाएं की है जिस प्रकार लेकर आए थे उसी प्रकार यह बिहार के अंदर भी सब लोग खड़े हैं ऐसे धर्म नगरी को बहुत-बहुत आशीर्वाद संतों ने दिया वर्षा योग में नैनवा समाज के अध्यक्ष कमल कुमार मारवाड़ी वर्षा योग के अध्यक्ष विनोद कुमार बरमुंडा एम प्रचार मंत्री महावीर सरावगी की बहुत मुनि ने प्रशंसा की बताया कि वर्षा योग में बहुत ही समय निकालकर इस संपूर्ण कराने का बहुत बड़ा योगदान समिति कर रहा है
प्रज्ञानसागर महाराज ने बताया
जो पिछि होती है मोर पंख होती है इनके बिना साधु एक पल भी नहीं चल सकता यह सबसे बड़ा उपकरण बतलाया
मुनि ने पीछि जिओ की रक्षा के लिए होती है जिन घरों में भी पीछि जाती है वहां पर वहां मंगल मंगल होता है वहां कभी अशांति नहीं होती क्योंकि पीछि एक साधु का सबसे बड़ा उपकरण होती है जिसे जैन साधु की पहचान होती है
सबसे बड़ा अनमोल अगर साधु के पास कोई उपकरण है तो एक पीछि का होती है जो मयूर के पंखों द्वारा बनाई जाती है यह सबसे मुलायम होती है यह पसीना को सोशती है मिट्टी को दूर करती है जब भी साधु बैठते हैं उसका मार्जिन करके बैठते हैं
इस पिछिका से छोटे से छोटे जीव की भी रक्षा होती है क्यों बहुत सूक्ष्म होती है
मुनि ने बताया कि हमारा यह वर्षा योग पहली बार नैनवा में हुआ था नाम तो बहुत सुना था कि धर्म नगरी है लेकिन 4 महीने के अंदर हमने देखा कि यहां पर 10 जैन मंदिर है बहुत अच्छी व्यवस्था है या लोगों ने दिए इसलिए इसे धर्म नगरी के नाम से जाना जाएगा यहा धर्म क्रिया बहुत हुई है 10 मंदिरों के अंदर भगवान बहुत अच्छे हैं
हमेशा इस नगरी में साधु का वर्षा योग कराते रहना इसमें छोटे-छोटे बच्चों में धर्म के बहुत संस्कार पड़ेंगे और आगे आपको धर्म काम आने वाला है धन काम वाला नहीं है
समारोह का संचालन मोहनलाल मारवाड़ा विनोद कुमार बानी द्वारा किया गया
इस समारोह अवसर पर समाज द्वारा दोनों समय भोज व्यस्तता रखी गई थी काफी संख्या में दूर दूर स्थान से मुनि भक्त आये उनका स्वागत सम्मान किया गया

सभी कार्य को प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी नमन भैया द्वारा संपादित कराया गया
,महावीर कुमार सरावगी
वर्षा योग समिति नैनवा

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