नवागढ़ गुरुकुलम का हुआ शिलान्यास समारोह

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मनुष्य का स्वभाव शक्कर के समान मीठा होना चाहिए : आचार्य श्री विनम्रसागर
निकाली गई दिग्विजय यात्रा
     ललितपुर।   प्रागैतिहासिक तीर्थ क्षेत्र नवागढ़ विकासखंड महरौनी में आचार्य श्री विनम्रसागर महाराज ससंघ के सान्निध्य में चल रहे समवसरण महामंडल विधान में  प्रतिष्ठा निर्देशक ब्रह्मचारी जय निशांत भैया, ब्रह्मचारी सुरेश मलैया इंदौर, पंडित मनीष जैन टीकमगढ़ के द्वारा समस्त धार्मिक क्रियाएं पूजन संपन्न कराए जा रहे हैं।
 निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन हुआ :  प्रातः 10 बजे चिकित्सा शिविर का आयोजन पंडित गुलाबचंद पुष्प के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर लगाया गया जिसके मुख्य अतिथि यादवेंद्र सिंह बुंदेला विधायक टीकमगढ़ रहे, अध्यक्षता डॉक्टर हीरालाल जैन झांसी ने की।  शिविर में नेत्र रोग एवं समस्त रोगों के उपचार किए गए। 18 मरीजों के नेत्रों के ऑपरेशन संपन्न कराए गए।
   गुरुकुलम की बिल्डिंग का शिलान्यास :  प्रचारमंत्री डॉ सुनील संचय ने बताया कि दोपहर 2 बजे  से ज्ञानस्वस्त्यम  नवागढ़ गुरुकुलम  के नवीन भवन का शिलान्यास समारोह का आयोजन आचार्य श्री विनम्र सागर जी ससंघ के सान्निध्य में किया  गया जिसमें राकेश जैन लोटस दिल्ली, संतोष जैन घड़ी  सागर, सुनील जैन एपी बाम बरायठा, शिखरचंद,  राजकुमार,  जय निशांत प्रदीप कुमार जैन पुष्प परिवार, दामोदर प्रसाद शाहगढ, लालचंद शास्त्री सागर, बाबूलाल मैनवार टीकमगढ़ ने ध्वजारोहण करके शिलान्यास का शुभारंभ किया।
दिग्विजय यात्रा निकाली गई :
     12 फरवरी को सुबह शांतिधारा अभिषेक  किया गया, दोपहर में विधान एवं दिग्विजय यात्रा निकाली गई । इसके पश्चात आचार्य श्री विनम्र सागर जी महाराज के मंगल प्रवचन हुए जिसमें उन्होंने कहा मनुष्य को स्वभाव सुंदर बनाने का उपाय कहीं है तो उसी के अंदर है।  जैसे जमीन पर नींबू रस गिर जाए तो एक भी चींटी नहीं आती लेकिन शक्कर की चासनी गिर जाए तो हजारों चींटी आ जाएंगी। यदि मनुष्य का स्वभाव मीठा होगा तो हजारों लोगों के दिलों पर राज करेगा , हमारा बुरा स्वभाव ही जीवन को अटकाता है।  जैसे कि एक आश्रम में एक युवक रहता था उसका सभी मित्रों से रोजाना झगड़ा होता था तो सभी मित्रों ने बोलना बंद कर दिया तो वह गुरु जी के पास पहुंचा और बोला कि मैं अपने स्वभाव से परेशान हूं मेरे साथी मुझे बोलना भी पसंद नहीं करते, तब गुरु जी ने कहा कि स्वभाव को बदलना बहुत आसान है तब गुरु जी ने कहा कि सात दिन में जितने लोगों से बिगड़ी है उन सब से सॉरी बोलना तो युवक ने सभी से जाकर सॉरी बोला तो जो लोग उससे बोलना पसंद नहीं करते थे वह लोग उसके साथ अच्छा व्यवहार करने लगे।
     इस अवसर पर  तीर्थक्षेत्र कमेटी के सनत कुमार जैन एडवोकेट, महामंत्री वीर चंद्र जैन नेकौरा, राकेश जैन, अशोक मैनवार, धीरेंद्र सिंघई, विमल मुनीम साहब, प्रसन्न जैन, आनंदीलाल, पंडित इंद्र कुमार, अशोक बैसा, नरेंद्र मैनवार, सोमचंद्र जैन सहित क्षेत्रीय समाज उपस्थित रही।

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