नवागढ़ में भगवान महावीर स्वामी का 2552वां निर्वाण महोत्सव श्रद्धा पूर्वक संपन्न

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नवागढ़ में भगवान महावीर स्वामी का 2552वां निर्वाण महोत्सव श्रद्धा पूर्वक संपन्न
निर्वाण लाडू चढ़ाने उमड़े श्रद्धालु
भगवान महावीर के सिद्धांतों को जीवन में उतारें : ब्र. जयकुमार निशांत
ललितपुर।  नवागढ़ प्रागैतिहासिकअतिशय क्षेत्र  में भगवान महावीर स्वामी का 2552वां निर्वाण महोत्सव 21 अक्टूबर, मंगलवार को  बड़े ही श्रद्धा, भक्ति और भव्यता के साथ क्षेत्र के निर्देशक ब्र. जय निशांत भैया जी के सानिध्य में, क्षेत्र कमेटी एवं स्थानीय समाज जनों के सहयोग से मनाया गया।
संगीतमय अनुष्ठान :  इस अवसर पर भगवान अरनाथ जी का अभिषेक, शांतिधारा एवं विधान पूजन अत्यंत भावपूर्ण वातावरण में संगीत के साथ संपन्न हुआ। तत्पश्चात सभी श्रद्धालुओं द्वारा भगवान को निर्वाण लाडू चढ़ाकर पूजा-अर्चना की गई।
    नवागढ़ तीर्थक्षेत्र कमेटी के प्रचारमंत्री डॉ सुनील संचय ने बताया कि भगवान महावीर स्वामी के निर्वाणोत्सव पर मुख्य लाडू का सौभाग्य पुष्प परिवार टीकमगढ़, आनंदीलाल जैन, राकेश कुमार जैन, प्रशांत कुमार  बच्चू, कपूर चंद जैन ढूंढा, तेजाराम जी पठया, अशोक कुमार कपासिया मड़ावरा को प्राप्त हुआ।
 इस मौके पर क्षेत्र निर्देशक ब्र. जय निशांत जी ने अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा कि भगवान महावीर स्वामी जी का जीवन मानवता, करुणा और आत्मसंयम का अनुपम उदाहरण है। उन्होंने बताया कि यदि हम भगवान महावीर जी के सिद्धांतों — अहिंसा, सत्य, अपरिग्रह — को अपने जीवन में अपनाएं, तो समाज में शांति, सद्भाव और आत्मकल्याण का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि भगवान महावीर जी के आदर्शों को केवल सुनने तक सीमित न रखें, बल्कि उन्हें व्यवहार में उतारें ताकि जीवन सार्थक बन सके।
 क्षेत्र महामंत्री श्री वीरचंद्र जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भगवान महावीर स्वामी का जीवन केवल एक धार्मिक प्रेरणा नहीं, बल्कि एक आदर्श जीवन की दिशा है। उन्होंने कहा कि आज के युग में जब मनुष्य भौतिक सुखों की दौड़ में उलझ गया है, तब महावीर स्वामी के त्याग, तप और संयम का मार्ग ही सच्चे सुख और शांति की प्राप्ति करा सकता है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे धर्म, अहिंसा और सत्य के मार्ग पर दृढ़ता से चलें और समाज में सदाचार का प्रसार करें।
 कार्यक्रम के अंत में क्षेत्र कोषाध्यक्ष श्री इंद्र कुमार जैम ने सभी आगंतुकों, समाजजनों एवं सहयोगियों का हृदयपूर्वक आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर अध्यक्ष सनत कुमार जैम एडवोकेट ललितपुर, महामंत्री वीरचंद्र जैन , कोषाध्यक्ष इंद्र कुमार जैम, मंत्री अशोक कुमार जैन,उपाध्यक्ष कपूर चंद्र ढूंढा, राकेश कुमार जैन ककरवाहा, आनंदी लाल जैन लुहर्रा, सुरेंद्र जैन, आदि  के साथ पंडित मनीष जैन संजू टीकमगढ़, पंडित अजीत शास्त्री बड़ागांव,  सोमचंद शास्त्री मैनवार, पंडित कैलाश चंद्र  जैन,  अंकित जैन सोजना, विकास जैन नेकोरा, पंडित रवि जैन शास्त्री आदि उपस्थित रहे।
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  जैन दर्शन के अध्येता डॉ सुनील संचय ने जानकारी देते हुए बताया कि जैन परम्परा में तीर्थंकर महावीर स्वामी के निर्वाण कल्याणक से ही दीपावली पर्व की शुरुआत मानी जाती है। इसी दिन से वीर निर्वाण संवत् की शुरुआत हुई थी जो कि सभी संवतों में सबसे प्राचीन संवत् है। जैन परंपरा में नए वर्ष की शुरुआत  इसी दिन से होती है। 21 अक्टूबर को भगवान महावीर का 2552 वां निर्वाण महोत्सव अगाध श्रद्धा से मनाया गया।

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