णमोकार महामंत्र की महिमा जिनवाणी का सार हैं, एक एक अक्षर ओर मात्रा का अपना महत्व और अतिशय हैं मुनि श्री विनय सागर जी

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( भिंड से सोनल जैन की रिपोर्ट )

35 दिवसीय विधान में उमड़ रहे भक्त उच्चाणाचार्य श्री 108 विनम्र सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य परम् पूज्य गुरुदेव जिन मंदिर जीर्णोद्वारक संत, प्रशांत मूर्ति श्रमण मुनि श्री 108 विनय सागर जी गुरुदेव के सानिध्य में श्री 1008 महावीर कीर्तिस्तंभ मंदिर लश्कर रोड भिंड में आयोजित णमोकर जिनस्तुति विधान के आठवें दिन पूज्य गुरुदेव के सानिध्य में जिन अभिषेक एवम् शांतिधारा हुई जिसके बाद श्री गुरुशास्त्र की पूजा के बाद विधान प्रारम्भ हुआ। विधान को विस्तृत रुप से समझाया नवकार का महत्व और उसके एक-एक अक्षर मात्रा का अतिशय भी बतलाया। पूज्य गुरुदेव ने अपने प्रवचन में बताया कि णमोकार महामंत्र की महिमा जिनवाणी का सार हैं, एक एक अक्षर ओर मात्रा का अपना महत्व और अतिशय हैं, जिसकी आज विधान के माध्यम से भक्ति की गई संगीतकार विशाल जैन की भजन प्रस्तुति से सभी उपस्थित विधानकर्ता ने आनंद लिया एवम, नृत्य प्रस्तुत हुए। इस णमोकार महामण्डल विधान में पुण्य शुद्धि वर्धक वर्षायोग के अध्यक्ष सपना जैन, उपाध्यक्ष सुनीता मोदी, कोषाध्यक्ष सुमन जैन, विनोद जैन, अभिषेक जैन, अमन जैन, विक्की जैन, महावीर  जैन, संगीता पवैया, समता पवैया, नेहा दुर्गा जैन, ज्योति जैन, मीरा मोदी, महेश पहाड़िया, मंजू जैन, साक्षी जैन, शालू जैन, नीलेश जैन, प्रीति जैन, मानू जैन, रेखा जैन, अतुल जैन,अंशिका जैन, दिव्या तनु जैन उपस्थित थे।

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