आचार्य श्री वर्धमान सागर
टोंक /फागी
संवाददाता 23 जुलाई
टोंक शहर में पंचम पट्टाधीश वात्सल्य वारिधी आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज 36 साधुओं सहित स संघ धर्म नगरी टोंक के श्री आदिनाथ जिनालय नसिया जी में विराजित आचार्य श्री ने भरी धर्म सभा में णमोकार के महत्व पर श्रृद्धालुओं को संबोधित करते हुए बताया क णमोकार मंत्र में अरिहंत , सिद्ध आचार्य ,उपाध्याय और सर्व साधु पांचों परमेष्ठि निहित है, उन्होंने कहा कि णमोकार मंत्र का सुख और दुख दोनों में स्मरण करना चाहिए। हमने प्रवचन में पूर्व में भी बताया था कि णमोकार मंत्र कल्पवृक्ष , कामधेनु और चिंतामणि रत्न के समान मनोरथ पूर्ण करता है। यह मंगल देशना आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज ने भरी धर्म सभा में प्रकट की, कार्यक्रम में राजेश पंचोलिया के अनुसार आचार्य श्री ने आगे बताया कि णमोकार मंत्र में अनेक शक्तियां विद्यमान है। कैंसर रोग सहित अन्य गंभीर रोगी भी णमोकार मंत्र की श्रद्धा भक्ति से ठीक हो गए हैं,कार्यों में अवरोध कारण कष्ट, दुख होता हैं,णमोकार मंत्र की साधना और शक्ति से विपदा और रोग ठीक होते हैं,अकाल मृत्यु के बारे में विवेचना कर बताया कि संकलेश भाव परिणाम के कारण अकाल मृत्यु होती है क्योंकि परिणाम के कारण आयु का क्षरण होता है,आपने प्रवचन में कहा कि वक्ता और श्रोता कितने प्रकार के होते हैं, श्रोता के कितने गुण होते हैं की विवेचना की,इसलिए श्रोता और सरोता के गुण दोष को समझ कर अच्छे हंस समान श्रोता बन कर धर्म की वाणी ग्रहण करे। आचार्य श्री के प्रवचन के पूर्व शिष्या आर्यिका श्री पद्मयश मति माताजी ने उपदेश में वक्ता और श्रोता के गुण ओर भेद बताए,36 मूलगुण धारी आचार्य गणी होते है वह आगम वाणी, शास्त्रों के जानकार,मन को समझ कर धर्मवाणी से दुख दूर करते है। जिनसेन स्वामी ने आदि पुराण में 14 प्रकार के श्रोता की विवेचना की हैं जिस अनुसार श्रोता फूटे मटके,मिट्टी,चलनी,बकरासांप,बिलाव,तोता,हंस,गाय,भैंस,जोक, मच्छर, बगुला,ओर पाषाण पत्थर समान होते हैं जिनसे सर्वश्रेष्ठ श्रोता हंस समान होते हैं आपने श्रोता के 8 गुण भी बताए !समाज के धर्म प्रचारक प्रवक्ता पवन कंटान एवं विकास जागीरदार के अनुसार धर्म सभा में श्रीजी और पूर्वाचार्य का चित्र का अनावरण दीप प्रज्वलन अमीरगंज नसिया महिला मंडल द्वारा किया जाकर आचार्य श्री के चरण प्रक्षालन कर जिनवाणी भेंट की इस मौके पर झाड़ोल से पधारे कलाकार भाई गोरधन के भक्तिमय भजनों पर बड़े भक्ति भाव से भक्ति नृत्य करते हुए श्रद्धालुओं अष्टद्रव्य समर्पित किया ।एवं सुनील सर्राफ ने पूजन व्यवस्था में सहयोग किया। इस मौके पर आचार्य वर्धमान सागर जी महाराज ने सभी श्रावकों को एक बाल्टी पानी से स्नान करने का त्याग देकर नियम दिलाया । आचार्य श्री संघ के आहार के चौके लगाने के लिए बाहर के नगरों से काफी भक्त पधार रहे हैं टोंक सहित इंदौर पारसोला निवाई के चौके लगे हैं, बाबूलाल जैन परिवार जयपुर को आज आचार्य श्री का आहार कराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार विमल जौला ने बताया कि आचार्य शांतिसागर शताब्दी महोत्सव के अंतर्गत हनुमान प्रसाद मनीष कुमार अनाज वाला परिवार, सत्यप्रकाश मनोज कुमार दाखिया परिवार, बाबूलाल, पदमचंद, पवन, अनिल कंटान परिवार, दिनेश कुमार अमित कुमार छामुनिया परिवार, नेमीचंद जितेंद्र कुमार बनेठा परिवार ने कलश स्थापित किए।
इस मौके पर कमल सर्राफ, नीटू छामुनिया, पंकज फूलेता, ओम ककोड़, एंजे दाखिया, प्रदीप बगड़ी, सोनू पासरोटियां, मनीष अतार, मनोज बहड, आशु दाखिया, अनिल सर्राफ, विकास अतार एवं अमीरगंज नसिया महिला मंडल की सदस्याएं अंजना मंडावर, अंशु अतार, हेमा कंटान, अनीता बोरदा, सुनीता बोरदा, निर्मीश, अनीता श्यामपुरा, संतोष नमक, पुष्पा लुहाड़िया, उषा बिलासपुरिया, मंजू बोरखंडी, सुनीता कंटान, अनिल मंडावर, रीना आंडरा, सुनीता आंडरा, नीलम कंटान, पदमा छामुनिया, स्नेहलता रानोली, सुनीता सेठी, कांता आंडरा, माया रोहतक, ज्ञानमाला, इंदू, रिंकी फुलेता, पूर्व सभापति लक्ष्मी देवी, अनीता सराफ, त्रिशला बोरदा, निहारिका निवाई, शीलू बिलासपुरिया आदि उपस्थित रहे ।
राजाबाबू गोधा जैन महासभा मिडिया राजस्थान