श्री दिगंबर जैन समाज , नलबाड़ी के तत्वावधान में तथा चर्या शिरोमणि आचार्य १०८ विशुद्ध सागर महाराज के परम प्रभावक शिस्य मुनिश्री अरिजित सागर महाराज के सान्निध्य में गत १५ जनवरी से २२ जनवरी तक असम के नलबाड़ी शहर में श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं लघु पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया ।सौभाग्यशाली परिवार द्वारा ध्वजारोहण के बाद मंडल पर मंगल कलश विराजमान किया गया । इसके बाद भक्तगण सिद्ध भक्ति में लीन हो गए । पंच दिवसीय सिद्धचक्र महामंडल विधान बड़े ही भक्तिभाव के साथ संपन्न होने के पश्चात तीन दिवसीय लघु पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव भगवान के गर्भ व जन्म कल्याणक महोत्सव के साथ शुरू हुआ । दूसरे दिन ज्ञान कल्याणक व तप कल्याणक महोत्सव मनाया गया । मुनिश्री अरिजित सागर महाराज ने सूरी मंत्र प्रदान कर नलबाड़ी जैन मंदिर में स्थापित होने वाले भगवान शांतिनाथ के नवीन जिनविम्ब की प्राण प्रतिष्ठा की । विश्वशांति महायज्ञ में पूर्णाहुति के साथ सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं लघु पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का २२जनवरी को सफल समापन हुआ । प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात सोमवार को दोपहर श्रीजी को रथ पर बैठाकर एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई । जैन मंदिर के निचले तल्ले की बेदी में जैन धर्म के सोलहवे तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ स्वामी की अष्ट धातु से निर्मित नवीन प्रतिमा को प्राण प्रतिष्ठा के बाद सौभाग्यशाली परिवार द्वारा मुनिश्री अरिजित सागर महाराज के सान्निध्य में विराजमान किया गया । इस पावन अवसर पर जैन धर्म के पवित्र धर्मग्रंथ रजत जिनवाणी को नई रजत जिनवाणी को सौभाग्यशाली भक्त द्वारा रजत बेदी में बिराजमान किया गया । प्रतिमा के बिराजमान के बाद मुनिश्री १०८ अरिजित सागर महाराज गुवाहाटी में आयोजित होने वाले सूर्य पहाड़ पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में भाग लेने के लिए २२ जनवरी को अपराह्न ३ बजे नलबाड़ी से मंगल विहार किया ।
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