नागौर निवासी मुम्बई प्रवासी श्री नरेन्द्रकुमार जी कासलीवाल ( नरुजी) नही रहे

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राजस्थान प्रांत की धर्म परायण नगरी नागौर के श्रावक श्रेष्ठी श्री पारसमल जी अनोप देवी जी कासलीवाल के सुपुत्र श्री नरेन्द्र कुमार जी (नरु जी) कासलीवाल नही रहे। आपने अपने मुम्बई निवास में अपनी धर्मपत्नि, पुत्र, पुत्रवधु, पौत्र सबके समक्ष 12 मार्च 2024, मंगलवार को सुबह 10:30 बजे अंतिम साँस ली।

आप अपनी तीन बड़ी बहनों के इकलौते भाई थे। आप की अल्प आयु में ही आप के सिर से पिता का साया उठ गया। आपकी माँ ने आपकी शिक्षा नागौर मे ही पूर्ण करवाई और आपने अपना व्यावसायिक कार्य गुवाहाटी (असम) मे किया। आप बहुत ही मृदुभाषी, जिंदादिल व मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। धार्मिक कार्यो मे आप सदैव तन -मन से तत्पर रहते थे। नागौर की परंपरागत जिन भक्ति हजुरियां की गायकी के आपके अंदाज का हर कोई मुरीद है।

आपका विवाह आप ही के करीबी गांव डेह के धर्मनिष्ठ परिवार श्री सम्पतराय जी बनारसी देवी जी बड़जात्या की ज्येष्ठ पुत्री मंजु के साथ हुआ। श्रीमती मंजु देवी भी आप ही की तरह मृदुभाषी व धर्मप्रेमी है। आप दोनों अपनी जिंदगी में एक दुसरे के पूरक थे। आपके चार संतान है। दो बड़ी लड़कियां (सौ. रेणु व सौ. जुली) व दो लड़के। आपका बडा़ लडका संदीप कासलीवाल हैदराबाद में व्यवसायरत् है, वहीं छोटा लड़का मनीष कासलीवाल मुम्बई में व्यवसायरत् है। आपने आपनी संतान मे भी अपने जैसे ही धार्मिक संस्कार दिये है। आप अपने पीछे नाती – पोते से भरा पुरा परिवार छोड़कर गये है।

श्रीमान संदीप जी व मनीष जी ने अपने पिताजी की स्मृति में अनेकों जिनालयों, गौशालाओं व परमार्थ सेवा संस्थानों मे आर्थिक सहयोग किया है। इसी क्रम में जैन गजट को भी नकद 5100/- रुपये की राशि भिजवायी है।

दिनेश बड़जात्या, डेह

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