नाम विशुद्ध चारित्र विशुद्ध और विशुद्धता के धारी है

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अणु नगरी रावतभाटा के लिए चल रहा है मंगल विहार

दिनांक 6 से 10 फरवरी 2024 तक होगा अदभुत अलौकिक अविस्मरणीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव

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पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार की कलम से

कोटा (राजस्थान)

जब संत आते है तो प्रकृति मुस्कुराती है प्रकृति में संस्कृति का शंखनाद करने संत आते है अंजुली भर लेते है सागर भर देते है विष को अमृत और पतित को पावन कर देते है।
धरती बिछोना है आसमान ओढ़ना है संयम तप त्याग और साधना की साक्षात मूर्ति का क्या कहना है ।
नाम विशुद्ध चारित्र विशुद्ध और विशुद्धता के धारी है
विशुद्ध सागर गुरुवर को शत शत नमन हमारी है।
जी हा
गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महायतिराज के परम अनुरागी शिष्य चर्याशिरोमणि अध्यात्म योगी चतुर्थ कालीन चर्या के पालक आचार्य कुंद कुंद स्वामी के बाद समयसार का शंखनाद करने वाले श्रमणाचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर महामुनिराज
ससंघ के पावन सानिध्य में तीन अलग अलग जगहो पर पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव श्रद्धा भक्ति और समर्पण के साथ आयोजित होगे।
जो इस प्रकार होगे। राणा प्रताप मीरा और पन्नाधाय के तप त्याग और साधना की पावन वसुंधरा राजस्थान के मेवाड़ प्रांत की अणु नगरी रावतभाटा जिला चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) में
6 से 10 फरवरी 2024 तक उसके बाद श्री दिगम्बर जैन शीतल तीर्थ रतलाम ( म.प्र.) फिर उसके बाद 22 से 26 फरवरी 2024 जैन मंदिर गोधा एस्टेट गाँधीनगर इन्दौर (म०प्र०)
6 से 11 मार्च, 2024 तक होगा। गुरुदेव का विहार ऐसी कड़ाके की सर्दी में भी निरंतर चल है। खतौली मेरठ दिल्ली तिजारा श्री अतिशय क्षेत्र महावीर जी होते हुवे -लालसोट-सवाईमाधोपुर-केशवरायपाटन-गिरधरपुरा-होते हुवे काशी धर्म प्राण नगरी कोटा होते हुवे अणु नगरी रावतभाटा के लिए मंगल विहार करेगे।गुरुदेव अभी तक सेकडो किलोमीटर की अहिंसा शाकाहार पद यात्रा कर सत्य अहिंसा और जियो और जीने का अमर संदेश लोगो को दिया है।
प्रस्तुति
राष्ट्रीय मिडिया प्रभारी
पारस जैन पार्श्वमणि पत्रकार कोटा।
9414764980

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