विदिशा जिले का पठारी सैदपुर बनेगा कला का केंद्र
वर्णी संदेश के प्रथम अंक का विमोचन
विदिशा/- परम पूज्य राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभाकर शिष्य मुनि श्री दुर्लभ सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में तीन दिवसीय जैन मूर्ति कला,वास्तु विज्ञान पर राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं कार्यशाला विदिशा जिले के पठारी सैदपुर में सुकृति कला केंद्र एवं अखिल भारतवर्षीय शास्त्रि परिषद के तत्वावधान में संपन्न हुई। तीन दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिन मुनि श्री दुर्लभ सागर जी के मंगल सान्निध्य में चित्रावरण, दीपज्वलन के साथ कार्यक्रम प्रारंभ हुआ जिसमें सर्वप्रथम मंगलाचरण उपस्थित विद्वानों द्वारा किया गया । मुनि श्री के पाद प्रक्षालन एवं शास्त्र भेंट के बाद प्रथम सत्र का शुभारंभ हुआ जिसमें जैन मूर्ति विज्ञान वास्तु विज्ञान,विधि विधान, स्वर ज्ञान के विषय में शास्त्रि परिषद के उपाध्यक्ष पं. विनोद कुमार जैन,महामंत्री ब्र. जयकुमार निशांत,पंडित महेश जैन डीमापुर, वास्तुविज्ञ डॉ.राजेंद्र जैन इंदौर, प्रतिष्टाचार्य मुकेश जैन विनम्र गुरुग्राम, डॉ नरेंद्र जैन गाजियाबाद ब्रह्मचारी संदीप भैया सरल द्वारा इन विषयों पर मार्मिक जानकारी दी गई। कार्यक्रम का संचालन संदीप जैन इंदौर आकाशवाणी द्वारा किया गया। अंतिम दिन शास्त्रि परिषद का खुला अधिवेशन हुआ जिसमें सभी विद्वानों ने अपने विचार रखें एवं अनेक विषयों पर चर्चाएं हुई। वर्णी संस्थान विकास सभा के द्वारा वर्णी संदेश पत्रिका का विमोचन किया गया जिसमें प्रथम अंक वर्णी प्रभावना विशेषांक का प्रकाशन किया गया, जिसमें वर्णी जी द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला गया एवं उनके चित्र संकलित कर उन्हें प्रकाशित किया गया विद्वानों के लेख एवं आयोजित कार्यक्रमों के विषय में जानकारी समाहित की गई। अगला अंक पूज्य वर्णी जी और जैन तीर्थक्षेत्र नैनागिर
पर वर्णी संदेश का प्रकाशन होगा। अंक विमोचन पूज्य मुनि श्री दुर्लभ सागर जी महाराज के मंगल सान्निध्य में वर्णी संस्थान के अध्यक्ष डॉ. हरिश्चंद्र जैन,शास्त्रि के उपाध्यक्ष पंडित विनोद कुमार जैन,महामंत्री ब्र.जयकुमार निशांत, संजय शास्त्री ढाना,पं. उदय चंद शास्त्रि जयंत जी सीकर, डॉ. आशीष जैन दमोह डॉ. शोभा लाल जैन, पं. जयकुमार दुर्ग,पं.ऋषभ जैन बड़ागांव पं.अंकुर जैन दलपतपुर एवं पत्र के संपादक मनीष जैन विद्यार्थी सागर उपस्थित रहें। मुनि श्री दुर्लभ सागर जी महाराज के आशीर्वाद से मूर्ति कला पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्देश्य जिन प्रतिमाओं को पूरे विधि विधान से निर्माण कर जिन मंदिरों में स्थापित करने का हैं अभी तक जयपुर से मूर्ति देश भर में पहुंचती है अब पठारी सैदपुर से भी मूर्ति देश के कोने-कोने में जिन मंदिरों में स्थापित होगी। संगोष्ठी में आए हुए विद्वानों ने चारों तरफ से जंगल और पहाड़ से गिरे इस स्थान पर पंचकल्याण के लिए बनें निवास टेंट में रहकर संगोष्ठी में शामिल होना एवं वहां पर कार्यशाला में जिन विषयों पर विद्वानों ने अपने वक्तव्य दिए उनकी वह अनमोल ज्ञान प्राप्त किया एवं आयोजित कार्यक्रम की व्यवस्थाओं की सभी ने प्रशंसा की।आयोजन समिति का सविनय हृदय से आभार किया। यही कार्यक्रम की सफलता का प्रमाण है।
सादर प्रकाशनार्थ
श्रीमान संपादक संपाददाता महोदय जी
मनीष जैन विद्यार्थी सागर