मुनिश्री विभंजन सागरजी की चातुर्मास स्थापना कोलकाता में

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नई दिल्लीः गणाचार्य श्री विरागसागरजी के सुयोग्य शिष्य मुनि श्री विभंजन सागरजी महाराज ने श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर बंगवासी, साउथ हावडा कोलकाता में 19वां मंगल चातुर्मास स्थापित किया। यहां आगमन पर 20 जुलाई को उनका भव्य स्वागत किया गया, 21 को उनके सान्निध्य में यहां गुरू पूर्णिमा मनाई गई और उनका 42 वां जन्मोत्सव  24 को विशाल धर्मसभा में भव्य स्तर पर मनाया गया। चातुर्मास के लिए मंगल कलश की स्थापना 25 को हुई।
विशेष बात यह रही कि दिल्ली में करोलबाग स्थित प्रसिद्ध श्री 108 फुट हनुमान मंदिर के महंत ओमप्रकाश गिरि जी चार अन्य साथियों पंडित इंद्रमणि तिवारी, पं. अंजनी मिश्रा, पं. शिवराम शुक्ला एवं पं. दिवाकर मिश्रा जी के साथ कोलकाता में तीर्थयात्रा पर थे तो वे सभी रमेश जैन एडवोकेट, नवभारत टाइम्स की प्रेरणा से 26 को जुलाई शाम को मंदिर जी में मुनिश्री के दर्शन हेतु पहुंच गए और उनके दर्शन कर बुके भेंटकर भावभीनी विनयांजलि अर्पित की। प्रतिनिधिमंडल ने मुनिश्री से धर्मचर्चा की। मुनि श्री ने उन्हे साहित्य भेंट किया और मंदिर कमेटी ने उनका स्वागत-सत्कार किया। सभी ने मंदिर जी के श्रद्धापूर्वक दर्शन किए और प्रसन्नता व्यक्त की। 26 की रात को ही दिल्ली लौटकर उन्होने बताया कि मुनिश्री जी से भेंट कर हमें अत्यंत प्रसन्नता हुई और नई-नई जानकारियां मिली। जब कभी मुनिश्री दिल्ली आएंगें तो उनके दर्शन अवश्य कराना।
प्रस्तुतिः रमेश चंद्र जैन एडवोकेट, नवभारत टाइम्स – नई दिल्ली

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