फागी संवाददाता
परम पूज्य पट्टाचार्य भगवन्त आचार्य श्री शांति सागर जी महाराज की अक्षुण्ण परम्परा में पारस भवन नाटानियों का रास्ता में पूज्य मुनि श्री 108 अर्चित सागर जी महाराज ससंघ के पावन सानिध्य में ध्वजारोहण पुण्यार्जक परिवार श्री संजय संदीप काला के द्वारा कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया कार्यक्रम में पारस भवन में छोटी-छोटी बालिकाओं के द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया । उक्त जानकारी देते हुए अशोक खण्डाका एवं सतीश खण्डाका ने संयुक्त रुप से जानकारी देते हुए बताया, पूज्य गुरुदेव के पावन सानिध्य में सभी आचार्यों के चित्रों के सम्मुख दीप प्रज्वलन करने का सौभाग्य पारस रूबी बड़जात्या परिवार को प्राप्त हुआ तत्पश्चात पूज्य मुनिराज के पादप्रक्षालन हुए और मुनिराज को शास्त्र भेंट किया गया। मोदी खाना चौकड़ी की महिला मण्डल की महिलाओं ने मंगल गीत गाते हुए सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया प्रचार प्रभारी रमेश गंगवाल ने बताया पूज्य मुनि श्री, ससंघ के इस चातुर्मास में बिना किसी आडंबर बिना बोली के चातुर्मास कलश की स्थापना सादगी से संपन्न हुई। जयपुर के इतिहास में प्रथम अवसर था जब मुस्लिम समुदाय ने सामूहिक रूप से उपस्थित होकर पूज्य गुरुदेव के श्री चरणों में श्रीफल अर्पण किया।
चातुर्मास व्यवस्था समिति के अशोक खण्डाका ने जानकारी देते हुए बताया चातुर्मास कलश की स्थापना में अनिल जैन दीवान ,अशोक चांदवाड पार्षद संजय जयसवाल अरविंद मेठी, बाबूलाल शर्मा, कुन्दन मल सेठी ,मोनापाटनी ,कमलादेवी, देव प्रकाश खण्डाका ओमप्रकाश काला राजेश गंगवाल सहित अनेक श्रेष्ठी समाज बंधु एवं हाजी मंजूर खान सहित मुस्लिम समाज के अनेक महानुभाव उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में रितु सोगानी ने बताया चातुर्मास कलश स्थापना की मांगलिक अनुष्ठानिक क्रियाएं डॉ सनत कुमार जैन एवं डॉ विमल कुमार जैन प्रतिष्ठाचार्य ने संपन्न कराई, तथा मंच संचालन पंडित रमेश गंगवाल ने किया। गुरुदेव ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा श्रावकों को संबोधित करते हुए बताया कि जैन साधु ,साध्वीयां पांच महाव्रत, अहिंसा ,सत्य, आचोर्य, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य का मन वचन कार्य से निर्दोष रूप से पालन करते हैं, तथा अहिंसा महाव्रत का पूर्ण रूपेण पालन हो इसीलिए जैन साधु मुनिराज चातुर्मास करते हैं।
राजाबाबू गोधा जैन महासभा मिडिया प्रवक्ता राजस्थान