मुनि के पाद पक्षालन से शुरू हुई धर्म सभा

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रोग की औषधि मिलने पर ही रोग ठीक होगा
जैन मुनि श्रुतेशसागर जी महाराज
मंगलवार को प्रातः 8:30 पर जैन मुनि श्रुतेशसागर जी महाराज ने शांति वीर धर्म स्थल पर अपार भक्तों को संबोधित करते हुए बताया
जिस भक्त की आत्मा में प्रभु के दर्शन मुनि के दर्शन मिलने पर मन में पवित्रता का आभास होता है मनुष्य सोचता है कि आज मैंने पुण्य का कार्य किया है इन कारण से उनके परिणाम निर्मल होते हैं
मुनि ने बताया की डॉक्टर रोगी को चेक करके रोग का पता होने पर ही रोग की औषधि देता है तभी रोग ठीक होता है उसी प्रकार रेणसार ग्रंथ द्वारा उद्बोधन में बताया कि मनुष्य को दान पूजा पर विशेष ध्यान देना चाहिए
दान तीन प्रकार के व्यक्तियों को देना बताया मध्यम जगन्य मुनिराज
यह तीनों का दान शत पात्र का दान बताया
गृहस्ती जीवन में मनुष्य के अनेक समस्या उत्पन्न होती है उन पर ध्यान देकर समाधान निकालने पर ही समस्या का समाधान होना बताया
प्रत्येक आत्मा स्वतंत्र है
छुल्लक सुप्रकाश सागर महाराज ने
बताया संसार में प्रत्येक जीव स्वतंत्र है प्रत्येक जीव में आत्मा है उसे आत्मा से ईश्वर भक्ति का स्मरण करके परमात्मा बनने की शक्ति उसमें विद्यमान है
मनुष्य को मोक्ष मार्ग में जाने के लिए पहले दिशा का ज्ञान होना जरूरी है तभी हम उस स्थान पर पहुंच सकते हैं हमें मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए वस्तु अवस्था को समझें इसका ज्ञान होने पर ही मोक्ष मार्ग सरल हो सकता है ऐसा मुनि ने बताया
भक्तामर स्तोत्र के पुनार्जन श्री ताराचंद हनुमान महेंद्र जैन पंसारी
दीपक प्रज्वलित एवं चित्र अनावरण
मंगलाचरण की प्रस्तुति अंतिमा जैन द्वारा
वर्षा योग समिति के पदाधिकारी ने तिलक माला पगड़ी पहनाकर स्वागत सम्मान किया
दिगंबर जैन समाज प्रवक्ता महावीर सरावगी

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