चिकलठाणा ( महाराष्ट्र): भरत कुमार जी काला, भारतवर्ष के विद्वानोमे,पंडितोमे एक विशेष स्थान
राखते थे, रास्ट्रिय हिन्दी जैन साप्ताहिक ” जैनगजट”
के प्रधान सम्पादक थे,विख्यात सम्पादक पं.तेजपालजी काला, नांदगाव के सुपुत्र थे,प्रकांड़
विद्वान पं, तनसुखलालजी काला, पं.माणिकचंद जी
काला मुंबई.के भतिजे थे, इसी परिवार के सजनबेन
सात प्रतिमा धारी थे,तथा तीनमुर्ती बोरिवली मुंबई.
मे, आचार्य सम्राट सन्मती सागर जी माहाराज जी से
दिक्षा लेकर, आर्यिका श्रेयासमतीमताजी बने,और
समाधी हुई!
इसी परिवार की कंचनबाई अजमेरा, उसमनाबाद,
रास्त्र्संत , सारस्वताचार्य मुनी देवनंदी जी संघ मे
क्षुल्लिका दिक्षा लेकर, आर्यिका दिक्षा ग्रहण कर
……..श्रेयसमती माताजी बने,और समाधि हुई!
पं. भरतकुमार जी काला,यशस्वी जिवन प्राप्त कर
गुरु सेवा मे तत्पर रहे, सदैव गुरु सान्निध्य रहा,और
मुनी पद को प्राप्त किया!,
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