मूकमाटी मंथन ग्रंथ का विमोचन

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ब्यावर- श्री दिगंबर जैन पंचायत नसियाँ में ग्रीष्मकालीन शिविर के दूसरे दिन अंकित जी शास्त्री ने मूक माटी स्वाध्याय का मंगलाचरण के साथ सत्र का प्रारम्भ किया।

शास्त्री अंकित जी ने मूक माटी ग्रन्थ कि प्रस्तावना बताई,उन्होने बताया कि किसी भी शासन, धर्म या ग्रन्थ को समझने के लिये उसके दो पहलुओं को समझना है।

पहला दर्शन दूसरा आचार पक्ष समझना है।

वीतराग सर्वज्ञ शासन का दर्शन पक्ष वीतरागता,एवं आचार पक्ष कि प्रधानता अहिंसा है।अंकित जी ने बताया कि सर्वज्ञ कहते है कि इस संसार का न कोई निर्माता है न ही नियता है न कोई संहारक है।

सर्वज्ञ भगवान कहते है, हे भव्यात्मा तू आत्मा है, स्वयं के द्वारा किये गये अच्छे, बुरे परिणामो का स्वयं ही भोक्ता है। अपने स्वयं के द्वारा शुभ कार्य चाहे वह मानसिक हो वाचनिक हो कायिक हो, यदि पुण्य कर्मो का आश्रव का फल सुख देता है, एवं अपने स्वयं द्वारा किये अशुभ कार्य, चाहे मानसिक हो, वाचनिक हो, कायिक हो, पाप फल का आश्रव उदय आने पर दुःख ही देता है।
मूकमाटी मंथन ग्रंथ का विमोचन किया गया
विद्यासागर पाठशाला के बच्चों द्वारा मूकमाटी पर नृत्य की प्रस्तुति दी गई

प्रश्नोत्तरी के प्रायोजक घनश्यामदास कल्पेश जैन प्रभावना के प्रायोजक*विजय कुमार विश्वास फागीवाला मनोज कुमार धीरज कासलीवाल ,कुमेश कार्तिक जैन परिवार थे
दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष अशोक काला मंत्री दिनेश अजमेरा विजय फागीवाला शशिकांत गदीया विकल कासलीवाल अमित गोधा कमल राँवका राजेन्द्र गोधा श्रीपाल अजमेरा अतुल पाटनी
सुमन धगडा चंद्रप्रकाश गोधा महेश जैन आनन्द गंगवाल कल्पेश जैन संजय जैन पदम जैन टीकम चन्द छाबड़ा राजेश राँवका खेमराज बाकलीवाल सहित सकल दिगंबर जैन समाज के सदस्यगण थे

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