“मेरी भावना” शिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम में शामिल हो प्रार्थना के रूप में बोली जाए आलेख को मिला वात्सल्य बारिधि परम पूज्य आचार्य वर्धमान महाराज ससंघ का प्रसन्नचित मुद्रा में दिया मंगलमय आशीर्वाद

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“मेरी भावना” शिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम में शामिल हो प्रार्थना के रूप में बोली जाए आलेख को मिला वात्सल्य बारिधि परम पूज्य आचार्य वर्धमान महाराज ससंघ का प्रसन्नचित मुद्रा में दिया मंगलमय आशीर्वाद

टोंक (राजस्थान) आदरणीय प्रभाव शाली व्यक्तित्व के धनी राजेन्द्र जैन महावीर सनावद के सफल संयोजन एवं चिरंजीलाल जैन के निर्देशन में चारित्र चक्रवर्ती आचार्य 108 शांति सागर जी महाराज शताब्दी महोत्सव के अन्तर्गत शांति से समागम पत्रकार संगोष्ठी जैन पत्रकार महासंघ के अध्यक्ष श्री रमेश जी तिजारिया महामंत्री उदय भान जैन के तत्वावधान में आयोजित की गई। इस आयोजन में वात्सल्य बारिधि परम पूज्य आचार्य वर्धमान महाराज ससंघ वात्सल्य बारिधि परम पूज्य आचार्य वर्धमान महाराज ससंघ ने विगत 35 वर्षों की फाइल देखी । मेरा आलेख “मेरी भावना संपूर्ण भारतवर्ष की शिक्षण संस्थानों में लागू हो ओर प्रार्थना के रूप में बोली जाए।इसकी देश की अनेकांनेक भाषाओं में विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में कवरेज देखकर आचार्य श्री ने दोनों हाथों से सैकड़ो श्रद्धालुओं की उपस्थिति में अपना मंगल आशीर्वाद प्रदान प्रसन्नचित्र मुद्रा में किया । ये देख कर बोले कि मेरी भावना तो राष्ट्र गान बननी थी बड़ी होने की वजह से रह गई। आपका प्रयास बहुत सराहनीय अनुकरणीय है। मेरी भावना पर उन्होंने प्रवचनों में भी कहा गुणी जनों को देख हृदय में मेरे प्रेम उम्र आए।इसके इसके इसके शब्द में गागर में सागर भरा हुआ है। समस्त आलेख उन्होंने बड़ी गंभीरता से पढ़े। विगत 35 वर्षा से पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले वर्तमान के श्रवण कुमार आदिनाथ टीवी चैनल के ब्यूरो चीफ पारस जैन “पार्श्वमणी” में आचार्य श्री को बताया कि मेरी एक ही मेरी एक ही भावना है भारतवर्ष के जितने भी स्टेट हैं सभी जगह स्कूलों में शिक्षण संस्थानों में मेरी भावना को प्रार्थना के रूप में और पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि मध्य प्रदेश सरकार ने कक्षा आठ हिंदी विषय के अंतर्गत इसको प्रथम नंबर पर रखा है। आगामी समय में राजस्थान के मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री गुजरात के मुख्यमंत्री बिहार के मुख्यमंत्री सभी को ये मेरी भावना की कवरेज फाइल देने की योजना है। मेरी भावना नरा से नारायण पाषाण से परमात्मा तीतर से तीर्थंकर फर्श से अर्श की यात्रा का नाम है। जब आचार्य श्री को यह पता लगा कि वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल जी शर्मा द्वारा पारस जैन पार्श्वमणि कोटा को दोनों हाथों से आशीर्वाद प्रसन्न होकर प्रदान किया। पार्श्वमणि ने आपने हृदय उद्गार व्यक्त करते हुवे कहा कि गो वात्सल्य जगाओ नगर नगर में सधर्मी सेवा संस्था बनाओ ।कोई भी राजनीतिक दल आपका साथ नहीं देगा यदि आपकी बहुलता नहीं होगी । 140 करोड़ की आबादी में मात्र भारतवर्ष में 50 से 55 लाख जैन समाज रह चुकी है यदि हमने जैन समाज की संख्या नहीं बधाई तो हमारे संपूर्ण भारतवर्ष के तीर्थ क्षेत्र अतिशेष क्षेत्र सिद्ध क्षेत्र की प्राचीनता ऐतिहासिकता प्रमाणिकता भव्यता पुरातत्वता को खतरा हो जाएगा और हो रहा है। जैन संस्कृति का शंखनाद यदि करना है तो जैन की संख्या बढ़ानी पड़ेगी।इस शांति समागम पत्रकार गोष्ठी में डॉक्टर प्रगति जैन इंदौर रंगशाला प्रोडक्शन की डायरेक्टर श्रीमति साधना मादावत डॉक्टर अखिल बंसल शैलेंद्र जैन राकेश देवपुरी जैन संजय बड़जात्या विमल जोला एडवोकेट अनुपम जैन राजा बाबू फागी रवींद्र काला प्रकाश पाटनी महावीर सरावगी सहित देश भर से 250 से अधिक पत्रकार बंधु उपस्थित थे।
प्रस्तुति
पारस जैन “पार्श्वमणि” पत्रकार
कोटा 9414764989

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