मेरे साथ क्या हो रहा है सोचने की बजाय मैं क्या कर रहा हूँ पर विचार करो:- आचार्य श्री सुनील सागर महाराज

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मेरे साथ क्या हो रहा है सोचने की बजाय मैं क्या कर रहा हूँ पर विचार करो:- आचार्य श्री सुनील सागर महाराज
(अहमदाबाद) गुजरात यूनिवर्सिटी अहमदाबाद के वृहद प्रांगण में चल रहे आध्यात्मिक वर्षायोग 2025 के दौरान सन्मति समोशरण के आयोजित हो रहे पच्चीस समोशरण विधान के दौरान चतुर्थ पट्टाचार्य सुनील सागर महाराज द्वारा श्रावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मेरे साथ क्या हो रहा है यह सोचने की बजाय मैं क्या कर रहा हूँ सोचना प्रारम्भ कर दे तो जीवन संवर जाए। हम यह सोचकर ही दुखित होते रहते हैं कि मेरे साथ जो घट रहा है वह सही नही है। आचार्य श्री ने कहा कि जो उपलब्ध नही है उसकी बजाय जो मिला है उसकी कद्र करना सीखिये। अभावों का रोना मत रोइये जो उपलब्ध है उसका आनंद लीजिए। यही जीवन की वास्तविक सार्थकता है।
सभी को समझाते हुए कहा कि यदि आपको दुखी होना है तो जो नही है उसके बारे में सोचना प्रारम्भ कर दीजिये। दुख के रास्ते तो हजार है किंतु सुख का रास्ता एक ही है सन्तोष धारण करो। उन्होंने कहा कि जो प्राप्त है वही पर्याप्त है उसी में जीवन का सार है। सभी को निर्देशित करते हुए कहा कि जो मिला है उसमें खुशियों मनाना सीखो तो जिंदगी में परिणाम परिवर्तित होते चले जायेंगे। उन्होंने षट लेश्या का विस्तृत विवेचन करते हुए कहा कि शुभलेश्या वाले सकारात्मक सोचते हैं अशुभ लेश्या वाले नकारात्मक सोचते हैं।
किसी के सुख में सुखी हो लो,पुण्य की अनुमोदना कर लो यही जीवन का सार है। इस अवसर पर जैन पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय सांस्कृतिक मंत्री संजय जैन बड़जात्या कामां सहित अन्य श्रावक श्रेष्ठियों ने दीप प्रज्ज्वलित किया। ज्ञात रहे की गुजरात के अहमदाबाद नगर में स्थित गुजरात यूनिवर्सिटी में अचार्य संघ के सानिध्य में 62 पिच्छियों का वृहद वर्षा योग सानंद पूर्वक चल रहा है।वहीं अहमदाबाद नगर में अति धर्म प्रभावना हो रही है।

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