मेरे गुरु, निर्यापक सन्त जगत पूज्य के विषय में जब भी किसी को अपनी राय व्यक्त करते हुए सुनता हूँ, तो मन अनायास ही अतीत के उन चालीस वर्षों की यात्रा पर चला जाता है, जहाँ गुरुश्रेष्ठ के लाड़ले ने क्षेत्र–निर्माण की योजनाओं को केवल स्वीकृति ही नहीं दी, बल्कि अपने आशीर्वाद और सूक्ष्म निर्देशन से उन्हें साकार भी किया। यदि वह दृष्टि, वह संकल्प और वह कृपा न होती, तो आज तीर्थोदय तीर्थ जैसे दिव्य तीर्थों का दर्शन हम सौभाग्य से भी न कर पाते।
बहुत अधिक पुरानी बात भी नहीं है—जब जगत पूज्य गोलाकोट की पहाड़ी पर स्थित उस जीर्ण-शीर्ण मंदिर में प्रविष्ट हुए। जैसे ही उन्होंने भीतर विराजमान भगवान आदिनाथ के दर्शन किए, वे उनके चरणों से इस प्रकार लिपट गए मानो चुम्बक के समीप आते ही लोह स्वतः खिंच जाता है। एक ओर कई सौ वर्षों पुराना जिनबिम्ब और दूसरी ओर सुधासागर जी जैसे पारखी संत—जब इन दोनों का मिलन हो, तो यदि कोई अतिशय प्रकट हो जाए, तो उसमें आश्चर्य कैसा? वास्तव में, वह क्षण इतिहास का बीज बन चुका था।
मंदिर से बाहर आते ही गुरु जी ने अपने मन की बात प्रकट की। और संसार भली-भांति जानता है कि मन की बात कोई साधारण उद्घोष नहीं होती। उसे लोग इसीलिए ध्यान से सुनते हैं, क्योंकि वह केवल कही नहीं जाती—वह पूर्ण होकर इतिहास बनती है। आज के युग में मन की बात कहने वाली दो ही शख्सियतें दिखाई देती हैं—एक देश के नेता मोदी जी और दूसरे मेरे गुरुदेव। एक राष्ट्र का मार्गदर्शन करता है, दूसरा धर्म का; पर दोनों की मन की बात समय आने पर यथार्थ बनकर सामने आती है।
आज गुरु जी खनियाधाना पहुँच चुके हैं और 31 दिसम्बर को तीर्थोदय तीर्थ पर पदार्पण करेंगे, क्योंकि 1 जनवरी को भगवान का भव्य मस्तिकाभिषेक संपन्न होना है। तीर्थोदय की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उन्हें देखकर कोई यह नहीं कह सकता कि यह केवल पत्थरों से बना मंदिर है। वह तो मानो देवों द्वारा निर्मित स्वर्ण मंदिर प्रतीत होता है—जैसे यह संसार का प्रथम जैन मंदिर हो, जिसे मेरे गुरु के आशीर्वाद से भारत की राजधानी से आए श्रद्धालुओं ने साकार किया हो।
आज गुरु की जय-जयकार केवल दिशाओं में नहीं, बल्कि जन-जन के हृदय में गूँज रही है। यही जयघोष मेरे मन को गहरे आनंद से भर देता है—और जो इस आनंद को समझ नहीं पाते, उनके लिए यह केवल निर्माण की कथा है; किंतु हमारे लिए यह श्रद्धा, तप, दृष्टि और करुणा से रचा गया जीवंत इतिहास है।
#श्रीश ललितपुर
योगेश जैन संवाददाता टीकमगढ़












