माता-पिता को वृद्धा आश्रम में नहीं हदयाश्रम में रखो

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गणिनी आयिका विज्ञाश्री माताजी
महावीर सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा
9 नवंबर गुरुवार गुन्शी निवाई जिला टोंक गुंसी तीर्थ क्षेत्र पर वर्षा योग कर रहे गुरु माता ने अपार जन समूह को संबोधित करते हुए बताया

वृद्धा व बुजुर्गों की सेवा भक्ति से पुण्य उदय होता है और पाप का षय होता है वर्तमान स्थिती इतनी विपरीत हो गई किसी के अंदर सेवा क्षकी भावना ही नहीं बची माता-पिता बच्चों को पाल-पोसकर इतना बड़ा करते हैं आज उन बच्चों को उनकी सेवा करना अपने पास रखना बहुत बड़ा कष्ट लगता है उन्हें वह वृद्ध अवस्था में वृद्धा आश्रम में छोड़ आते हैं युवाओं को ललकारते हुए कहा तुम्हें शर्म आना चाहिए
जिन्होंने तुम्हें जन्म दिया पढ़ा लिखा कर इतना बड़ा किया तुम्हारी खुशी के लिए अपनी इच्छाओं का परित्याग किया उनके उपकार को तुमने क्षण में भुला दिया तिर्यच किसी के द्वारा किया उपकार को नहीं भूलता तुम तो मानव हो आज जो हम व्यवहार कर रहे हैं वही हमारी संतान कल हमारे साथ करेगी प्राचीन में कहावत है जैसी सेवा करोगी वैसा मेवा मिलेगीसभी युवाओं को समय रहते अपनी सोच बदल लेना चाहिए अपनों से बड़ों की सेवा करना चाहिए ऐसा माता ने उदभोदन में बताया

महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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