मासिक बैठक में संगठन को मजबूत करने पर हुई चर्चा

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संगठित परिवार, समाज और संस्था कभी नहीं होते हैं असफल- खरबंदा
यमुनानगर, 12 जून (डा. आर. के. जैन):
सीनियर सिटीजन सोशल वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा मासिक बैठक का आयोजन शास्त्री कालोनी वरिष्ठ नागरिक हॉल में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान के. एस. खरबंदा ने की तथा संचालन सचिव हरीश कुमार ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में रिटायर्ड प्रोफेसर रवि कपूर ने भाग लिया। बैठक में संगठन को मजबूत करने पर चर्चा की गई और सभी के सुझाव मांगे गए।  प्रधान के. एस. खरबंदा ने बताया कि संगठन में बहुत शक्ति है, आत्मीयता व प्रेम भावना से समाज उन्नति कर सकता है। संगठन में बड़ी शक्ति होती है। संगठित परिवार, समाज और संस्था कभी असफल नहीं होते हैं। आपसी आत्मीयता, प्रेम, स्नेह, वात्सल्य और एक-दूसरे को सहयोग की भावना से समाज उन्नति कर सकता है। समाज के बड़ों, छोटों के प्रति स्नेह और सहयोग का भाव रखें तो समाज के कार्य उत्साह और उमंग से संपन्न हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि हम सभी को प्रयास करना चाहिए कि हम अपने परिवार के सभी सदस्यों को सम्मान देते हुए साथ लेकर चलें तथा संस्था को मजबूत बनाते हुए एक दूसरे का सहयोग करें। मुख्य अतिथि ने संबोधित करते हुए कहा कि वरिष्ट नागरिक चाहे जिले में हो अथवा हमारे घर में वे हमारे भविष्य की नींव होते हैं। उनके अनुभवों से हम बहुत कुछ सीखते हैं। अत: उनके प्रति हमारी व समाज की पूर्ण जिम्मेदारी हाती है, उनका याल रखना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि एक उम्र के बाद विभिन्न सामान्य बीमारियां व्यक्ति में उत्पन्न हो जाती है, जैसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग आदि, अपनी दैनिक चर्या सुधार करके इन बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वृद्धावस्था में व्यक्ति को पौष्टिक आहार लेना चाहिए, जिससे विभिन्न प्रकार के विटामिन की आपूर्ति होती रहे तथा स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके। वृद्धावस्था में पाचन शक्ति कम हो जाती है, अत: व्यक्ति को जल्द पचने वाला वा हल्के आहार के सेवन के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन भी करते रहना चाहिये। पर्याप्त पानी के सेवन से शरीर में युक्त अतिरिक्त रसायन शरीर से बाहर आते हैं तथा कई बीमारियों से बचाते हैं। वृद्धावस्था में समय-समय पर विटामिन-डी का सेवन करते रहना चाहिए, जिसके लिये प्राकृतिक रूप से धूप में बैठना चाहिये, परन्तु यदि कोई वृद्ध चलने-फिरने में असमर्थ हो तो वे विटामिन-डी चार्जड वाटर का प्रयोग भी चिकित्सीय सलाह पर निर्देशानुसार कर सकता है, जिससे की विटामिन-डी की आपूर्ति होती रहे। इस अवसर पर भारी संख्या में पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे।
फोटो नं. 1 एच.
उपस्थित पदाधिकारी व सदस्य………..(डा. आर. के. जैन)

वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों के बारे आशा वर्करों को दी जानकारी
भारतीय संविधान ने बुजुर्गों को दी है कई प्रकार की सुविधाएं-अमिता कुमारी
यमुनानगर, 12 जून (डा. आर. के. जैन):
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा ए. डी. आर. सेंटर में जिला की आशा वर्कर्स के लिए एक प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में आशा वर्कर्स को नालसा के द्वारा शुरू की गई साथी स्कीम से अवगत कराया गया। सभी उपस्थित आशा वर्कर्स को उनके कर्तव्य, जो कि साथी स्कीम के तहत है, के बारे में बताया गया तथा उन्हें अपने कर्तव्य का पालन करने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं सी. जे. एम. सुमित्रा कादियान ने की तथा संचालन पैनल अधिवक्ता अमिता कुमार ने किया। अमिता कुमारी ने उपस्थित आशा वर्कर्स को सीनियर सिटीजन के अधिकार के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बताया कि भारत में वरिष्ठ नागरिकों को अपर्याप्त स्वास्थ्य सेवा, वित्तीय असुरक्षा और सामाजिक अलगाव जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। देश में बुजुर्ग आबादी की भलाई और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए कुछ मुख्य समस्याओं को दूर करना महत्वपूर्ण है। सर्वप्रथम है वित्तीय असुरक्षा, कई वरिष्ठ नागरिकों के पास सेवानिवृत्ति के बाद आय का कोई स्थिर स्रोत नहीं होता। पेंशन योजनाओं तक सीमित पहुंच और अपर्याप्त बचत के कारण, उन्हें अक्सर अपने दैनिक खर्चों को पूरा करने में संघर्ष करना पड़ता है। अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिक, औपचारिक सेवानिवृत्ति लाभों के अभाव के कारण विशेष रूप से असुरक्षित हैं। दूसरी समस्या है स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच, बुजुर्ग आबादी मधुमेह, गठिया और हृदय संबंधी समस्याओं जैसी दीर्घकालिक बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होती है। किफायती स्वास्थ्य देखभाल तक सीमित पहुंच, अपर्याप्त वृद्धावस्था देखभाल सुविधाएं तथा उच्च चिकित्सा व्यय उनकी स्वास्थ्य चुनौतियों को और बढ़ा देते हैं। तीसरी समस्या है सामाजिक अलगाव और अकेलापन, शहरीकरण और प्रवासन के कारण पारंपरिक संयुक्त परिवार प्रणाली टूट गई है। कई बुजुर्ग व्यक्तियों को अकेले रहने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप सामाजिक अलगाव, अकेलापन, तथा अवसाद और चिंता जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं।  उन्होंने आगे बताया कि वृद्धों के साथ दुर्व्यवहार, वृद्धों के साथ शारीरिक, भावनात्मक, वित्तीय और उपेक्षा सहित दुर्व्यवहार एक बढ़ती हुई चिंता का विषय है। भय, सामाजिक कलंक तथा कानूनी अधिकारों एवं सुरक्षा तंत्रों के बारे में जागरूकता की कमी के कारण कई मामले रिपोर्ट नहीं किए जाते। डिजिटल डिवाइड सेवाओं के बढ़ते डिजिटलीकरण के कारण कई वरिष्ठ नागरिक डिजिटल साक्षरता की कमी के कारण डिजिटल प्लेटफॉर्म तक पहुंचने में संघर्ष करते हैं। इस बहिष्कार के कारण बैंकिंग, स्वास्थ्य सेवा और सरकारी योजनाओं जैसी आवश्यक सेवाओं तक उनकी पहुंच सीमित हो जाती है। सुलभ बुनियादी ढांचे का अभाव, सार्वजनिक स्थानों, परिवहन प्रणालियों और भवनों में अक्सर वरिष्ठ नागरिकों के अनुकूल बुनियादी ढांचे जैसे कि रैंप, हैंडरेल और प्राथमिकता वाली सीटें का अभाव होता है, जिससे बुजुर्गों के लिए गतिशीलता कठिन हो जाती है। उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 41 के अनुसार राज्य को वृद्धावस्था के मामलों में सार्वजनिक सहायता प्रदान करने का निर्देश देता है। माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 बच्चों और उत्तराधिकारियों को वरिष्ठ नागरिकों और माता-पिता को भरण-पोषण प्रदान करने का अधिकार देता है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में वरिष्ठ नागरिकों के लिए गारंटीकृत पेंशन योजना प्रदान करती है। अटल पेंशन योजना में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन लाभ प्रदान करती है। वृद्धजनों के स्वास्थ्य देखभाल हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम यह कार्यक्रम वरिष्ठ नागरिकों को समर्पित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना वह स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करती है, जिससे निम्न आय वर्ग के बुजुर्ग व्यक्तियों को लाभ मिलता है। इस प्रकार की बहुत सी योजना है जो बुजुर्ग नागरिकों को अनेक प्रकार की सुविधाएं प्रदान करती है, किन्तु जानकारी के अभाव के कारण बहुत से बुजुर्ग इन योजनाओं से वंचित रह जाते है। सी. जे. एम. सुमित्रा कादियान ने आशा वर्कर्स को बेसहारा बच्चों तथा स्पेशली एबल्ड चिल्ड्रन का ब्यौरा देने के लिए प्रोत्साहित किया।
फोटो नं. 2 एच.
कार्यक्रम में भाग लेते अधिकारी व उपस्थित आशा वर्कर्स………….(डा. आर. के. जैन)

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