नैनवा 17 फरवरी शनिवार
शहर के बीचों बीच दिगंबर अग्रवाल बड़े जैन मंदिर में धर्म सभा से पूर्वउदयपुर से आई दीदी विनीता जैन ने भव्य मंगलाचरण की प्रस्तुति देकर धर्म सभा प्रारंभ हुई
आर्यिका का विमल प्रभा माता ने बताया सृष्टि का सबसे सर्वश्रेष्ठ रत्न, मनुष्य है जो भगवान की भक्ति करके आत्मा को परमात्मा बनने की शक्ति आज भी मनुष्य में विद्यमान है
इस पर्याय के लिए देव भी तरसते हैं
प्रातः काल उठकर अपने दिनचर्या ईश्वर स्मरण से प्रारंभ करें टीवी वह अखबार को प्रातः काल की दिनचर्या न बनाएं प्रभु का गुणगान करने से मनुष्य का कल्याण होना बताया
सत्य के बिना धर्म की उत्पत्ति नहीं हो सकती आर्यिका उदाहरण देते बताया
जंगल में शेर को मुनिराज ने अपना उपदेश देते हुए बताया कि संयम धर्म धारण करने से मनुष्य प्रयाय ंं में जन्म लेकर तुम तीर्थंकर 24 वे भगवान महावीर बनोगे तभी से शेर ने संयम धर्म का पालन किया संयम धर्म के पालन से शेर भगवान महावीर बने
चारों कसाइयों का क्रोध मान माया लोभ त्याग करने से करने से मनुष्य अनोखी पहचान बनती है
इनका त्याग करने पर मोक्ष प्राप्त होना बताया
दोपहर जैन मंदिर में 1:00 बजे से 3:00 बजे तक माताजी ज्ञान पाठशाला पढ़ाते हैं
धर्मसभा में शैलेंद्र मारवाड़ा ‘महावीर सरावगी ” नरेंद्र भरनी वाला “प्रकाश ठग ” धर्मचंद जैन ठग”
आदि अनेक महिलाओं ने धर्म लाभ प्राप्त किया
दिगंबर जैन समाज प्रवक्ता महावीर सरावगी