जैन मुनि प्रज्ञानसागर महाराज
नैनवा जिला बूंदी 30 अक्टूबर गुरुवार
आज के मनुष्य की धर्म करने की इच्छा नहीं होती फिर भी वह धर्म करता है संत ने बताया धर्म के बारे में उसने सुना है की धर्म से संसार के सारे सुख प्राप्त होते हैं इस कारण वह भी धर्म से जुड़ना चाहता है
भगवान आदिनाथ स्वामी को भी कर्म उदय आने के कारण 6 माह तक आहार नहीं हुआ था
मुनि धर्म का उदाहरण देकर भक्तों को नाना प्रकार का ज्ञान कराते हैं फिर भी वह ग्रहण करें या ना करें यह भक्तों पर निर्भर होता है
गुस्से वाले व्यक्ति से कोई बात करना पसंद नहीं करता
जैन मुनि प्रसिद्ध सागर महाराज ने बताया जो मनुष्य बात-बात पर लोगों से गुस्सा करता है उसे लोग बात करना ही पसंद नहीं करते
गुस्सा तो सभी को आता है लेकिन बहुत ज्यादा गुस्सा बताया कि उसे जीव पर लेशिया कर्म का उदय है इस कारणों बात बात पर गुस्सा करता है गुस्सा उसका स्वभाव नहीं था फिर भी गुस्सा उत्पन्न हो रहा है
संसार के प्राणी अपनी इंद्रियों के कारण भ्रमण कर रहा है उनको रोकने के लिए संयम धारण करना जरूरी है
महावीर कुमार सरावगी नैनवा
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