मनुष्य के अंतिम समय में उसके साथ धन नहीं धर्म ही जाएगा

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जैन मुनि प्रज्ञान सागर महाराज
10 जुलाई गुरुवार 2025
सिद्ध चक्र मंडल विधान का हवन एवं कलशो की बोलियां संपन्न हुई
शांति वीर धर्म स्थल पर प्राप्त प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी नमन भैया ने विधि विधान पूर्वक अग्नि कुण्ड में आहुतियां हवन कराकर मंत्र द्वारा निष्पादन किया
जैन मुनि प्रज्ञान सागर महाराज ने बताया कि जीवन यापन सभी जीव करते हैं मनुष्य त्रियच में दोनों में अलग-अलग ढंग से जीवन यापन करते हैं
मुनि ने बताया की साधु के कलश से की बोलियां से कोई हमें मतलब नहीं रहता कलश परंपरा स्थापना कहां से आई साधु शांति सागर आदि सागर परंपरा से सभी साधु आचार्य विमल सागर महाराज के परंपरा के अनुसार चातुर्मास कलश की स्थापना करते हैं इसका मुख्य प्रभावना का कारण है कि धर्म में अपने हाथों से हमारा धन लग जावे और पुण्य का प्रबल हमें मिल जावे
मुन्नी ने यह भी बताया कि यह वर्षा योग के साधारण कलश नहीं होते इन कलशो को चार माह तक साधु के पास रहते हैं इनमें सवा करोड मंत्रो का जाप साधु दिन-रात 24 घंटे करते हैं जिनके घर पर यह मंगल कलश जाते हैं उनके घरों में मंगल ही मंगल कार्य होते हैं उनके घरों में अकाल मौत नहीं होती रोग शोक परिवार बिछड़ने आदि क्रियाएं कभी नहीं होती इन मांगलिक कलशो का मुनि ने बहुत बड़ा महत्व बताया
मुनि ने यह भी बताया कि मनुष्य का शरीर स्वतंत्र होने पर भी माया जाल में उलझा हुआ है उसकी आत्मा स्वतंत्र नहीं है मनुष्य का अंतिम समय आने पर भगवान का स्मरण और याद करता है लेकिन जाते वक्त उसके साथ उसकी सारी संप्रदाय यही रहती है केवल जाता है उसके साथ में उसका पुण्य उसका दान उसके उपकारी कार्य
इससे मनुष्य की अच्छी पहचान होना मुनि ने बताया
धर्म सभा से पूर्व शांति धारा एम प्रथम मंगल कलश करने का सौभाग्य मोहनलाल कमल कुमार मनीष जॉनी शुभम रविन वंश कुंथ जैन मारवाड़ी परिवार मारवाड़ा परिवार ने प्राप्त किया
पाद पक्षालन बाबूलाल हितेश कुमार जैन बरमूडा
शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य विनोद कुमार महेंद्र कुमार प्रमोद भावेश बरमुंडा
मंगलाचरण की प्रस्तुति त्रिशला महिला मंडल द्वारा

द्वितीय कलश सम्यक दर्शन श्रीमती सीमा देवी शैलेंद्र अरिहंत सिद्ध मारवाड़ा परिवार द्वारा
सम्यक ज्ञान कलश श्रीमती राजकुमारी विनोद सुनील संजय मुकेश ऋषभ मारवाड़ा परिवार
सम्यक चारित्र कुमार श्री प्रवीण कुमार प्रियंक युवराज सरावगी बैद

पांच कलशो का सौभाग्य
विनोद जी बरमुंडा पदम कुमार दिनेश कुमार मोडीका प्रेम जी बोहरा बाबूलाल जी बरमुंडा
विनोद निमीत मारवाड़ा
24 तीर्थंकर की 24 कलश अन्य है
श्री जी की भव्य शोभा यात्रा
शांति वीर धर्मशाला से शोभा यात्रा का प्रारंभ दो गजरथ हाथी हाथी घोड़े
प्रथम हाथी पर शो धर्म इंद्र कुबेर भगवान को लेकर आगे चल रहे हैं
उनके पीछे
प्रथम बोली लेने वाले सौभाग्य मोहनलाल कुमार मारवाड़ा परिवार अन्य बगिया में अन्य इंद्र बोलियां लेने वाले
13 बगिया
जय घोष महिलाएं मंडल जय जयकार करते हुए शहीद भगत सिंह चौराहा पुलिस थाना देईपोल चौराया लोहड़ी छोहटी मालदेव चौक सदर बाजार होते हुए वापस शांति वीर धर्मस्थल पहुंचेगा
गुरु पूर्णिमा अवसर पर अपने गुरु आचार्य विनिश्चय सागर सागर महाराज की सभी महिला मंडलों युवाओं वर्षा योग समिति के सभी सदस्यों ने अष्ट द्रव्य से बारी-बारी से नृत्य के साथ पूजन की
महावीर कुमार जैन सरावगी
वर्षा योग प्रचार मंत्री

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