जैन मुनि प्रज्ञान सागर महाराज
नैनवा 19 जून गुरुवार
प्रात 8:00 देईपोल चौराहे पर जैन मुनि के मंगल प्रवेश पर मुनि की अगवानी करने पर जैन समाज महिलाओं में अपनी पलक पांवड़े बिछा दिए जैन समाज द्वारा मुनि की भव्य अगवानी की गई
देईपोल चौराहे से जगह-जगह पर तोरण द्वार रंगोलिया पाद पक्षालन गाजे-बाजे के साथ मुनि का वहां से मंगल प्रवेश हुआ
भगत सिंह स्मारक शांति वीर धर्मस्थल बड़ा जैन मंदिर कोटिया जी जैन मंदिर पहुंचा
वहां से दिगंबर जैन बड़े मंदिर में मंगल प्रवचन से पूर्व भगवान महावीर के चित्र पर दीप प्रजल्लित
कमल कुमार मारवाड़ा विनोद बरमूडा कमल चैप्टर नेतीलाल जैन
वर्षा योग समिति सदस्य द्वारा किया गया महाराज जी के साथ अक्षय जैन कोलकाता से चल रहे हैं प्रिंस जैन ललितपुर से चल रहे हैं जिनका स्वागत सम्मान विनोद मारवाड़ा शैलेंद्र मारवाड़ा द्वारा किया गया
मंगला चरण की प्रस्तुति जिनवाणी ग्रुप की बालिकाओं द्वारा
मुनि के पद पक्षालन बोलियां द्वारा द्वारा महावीर दीपक जैन दुगारी वालों ने शास्त्र भेट का सौभाग्य मोहनलाल कमल कुमार जैन मारवाड़ा
प्रज्ञान सागर महाराज ने धर्म सभा को बताया
मनुष्य को मंजिल पाने के लिए अथक प्रयास करने पड़ते हैं
मुनि ने कहा कि पहली बार नैनवा में आए हैं बहुत अच्छा प्रवेश लोगों ने कराया धर्म सभा को देखकर ऐसा लगा कि नैनवा नगरी धर्म नगरी जैसा लग रहा है
मुनि ने कहा कि जैन कुल में जन्म लेना तभी सार्थक के जैन को जैन भोजन ही करें अभक्ष भोजन करने वाला जैन नहीं कहलाता
अपनी आत्मा को समझने के लिए घर से बाहर निकलना जरूरी है
आत्मा को चैन घर में नहीं मिलता देव शास्त्र गुरु के सानिध्य मिलने पर ही आत्मा को चैन मिलता है
भारत देश में गुरु शिष्य का समर्पण भावना है मुन्नी ने यह भी बताया कि सबसे ज्यादा लफड़ा कपड़ा है
इस कारण दिगंबर मुनि ने कपड़ों का त्याग कर दिया आप कपड़े पहनते हैं इस कारण आपके साथ लफड़ा ही लफड़ा रहता है मुनि बिना वस्त्र के दिगंबर साधु हैं
संयम क्षमता रखता ही जैन धर्म की पहचान है
जैन मुनि प्रसिद्ध सागर महाराज ने बताया मुनि के मूल गुण 28 होते हैं जिनका पालन करते है श्रावक को भी अपने मुल गुणों का पालन करना है चातुर्मास 4 माह धर्म प्रभावना के लिए ही साधु गांव गांव में बिहार कर धर्म प्रभावना भावना करते हैं
आज का पहला दिन और कॉपी का पहला पत्ता पाठशाला के छात्र के लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं
आप सभी भक्तों के लिए आज का पहला दिन मंगल प्रवेश का बहुत ही दिनों से आस लगाए श्रावक बैठे थे
पैदल विहार वाले सभी युवाओं को मुनि ने अपना आशीष दिया
धर्म सभा का संचालन विनोद जैन बनी द्वारा पंडित नरेंद्र शास्त्री द्वारा बोलियां का कार्य संपन्न कराया
महावीर कुमार जैन सरावगी
वर्षा योग प्रचार मंत्री