मनिंदर आनंद को किया गया सी. ए. प्रकोष्ठ जिला संयोजक नियुक्त

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यमुनानगर, 21 फरवरी (डा. आर. के. जैन):
भारतीय जनता पार्टी हरियाणा सी. ए. प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक नितिन बंसल ने अपनी टीम का ऐलान किया है। यमुनानगर सी. ए. ब्रांच के एक्स चेयरमैन सी. ए. मनिंदर आनंद को जिले का संयोजक, एक्स चेयरमैन सी. ए. अमित कश्यप को सह संयोजक और उद्यमी सी. ए. सचिन गंभीर को सोशल मीडिया- आई. टी. संयोजक नियुक्त किया गया है। सी. ए. राजीव बंसल और सी. ए. राजीव पुरी को कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति के बाद सभी ने  हरियाणा के यशस्वी मुख्यमंत्री नायब सैनी, हरियाणा के यशस्वी प्रदेश अध्यक्ष मोहन बड़ौली और सी. ए. प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष नितिन बंसल का आभार प्रकट किया है। मनिंदर आनंद ने कहा कि संगठन द्वारा दी गई जिम्मेदारी को तन मन धन से निभाने का कार्य करेंगे। अमित कश्यप ने कहा हरियाणा में डबल इंजन की सरकार जन कल्याणकारी कार्य कर रही है और प्रदेश लगातार आर्थिक तौर पर तरक्की कर रहा है। सचिन गंभीर ने कहा सी. ए. प्रकोष्ठ डबल इंजन की सरकार के जनकल्याणकारी फैसलों को प्रदेश के हर वर्ग तक पहुँचाने का कार्य करेंगे।
फोटो नं. 1 एच.
नियुक्त किये गये संयोजक…………………(डा. आर. के. जैन)

डी. एल. एस. ए. द्वारा कानूनी जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन
स्कूली बच्चों को बाल श्रम, बाल तस्करी व शोषण आदि के बारे दी जानकारी
यमुनानगर, 21 फरवरी (डा. आर. के. जैन):
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भेरथल में विश्व सामाजिक न्याय दिवस पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें सुश्री कीर्ति वशिष्ठ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने विद्यार्थियों को विश्व सामाजिक न्याय दिवस तथा नालसा (बच्चों के लिए बाल मैत्रीपूर्ण कानूनी सेवाएं और उनका संरक्षण) योजना-2024 के बारे में अवगत कराया। अधोहस्ताक्षरी ने प्रतिभागियों को बाल तस्करी, शोषण, बाल श्रम व पॉक्सो अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम के बारे में भी अवगत कराया। कीर्ति वशिष्ठ ने बताया कि भारत में बाल शोषण एक व्यापक और परेशान करने वाली समस्या है, जहाँ हर साल लाखों बच्चे शारीरिक, भावनात्मक और यौन शोषण का शिकार होते हैं। वर्ष 2017.2020 के बीच बाल शोषण के 24 लाख मामले दर्ज किए गए जिनमें से 80 प्रतिशत पीड़ित 14 वर्ष से कम उम्र की लड़कियाँ थीं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने बच्चों को शोषण से बचाने के लिए कई कानूनी उपाय लागू किए हैं, और इन उपायों का उद्देश्य बाल शोषण के अपराधियों को रोकना, उनका पता लगाना और उन्हें दंडित करना है। कई बाल संरक्षण अधिनियमों के बावजूद, अभी भी बाल अधिकारों के विभिन्न रूपों का उल्लंघन होते हुए देखते हैं, जिसमें भोजन के अधिकार, शिक्षा के अधिकार, स्वास्थ्य के अधिकार और शोषण के विरुद्ध अधिकार तक पहुँच से वंचित करना और उन्हें प्राप्त करने में असमर्थता शामिल है। बच्चों की सुरक्षा के लिए व्यापक कानून हैं, और बाल संरक्षण को सामाजिक विकास के मुख्य घटक के रूप में तेजी से स्वीकार किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में बाल शोषण की समस्या से निपटने के लिए बच्चों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने वाले प्रभावी कानून और नीतियों को लागू करना और इस मुद्दे के बारे में लोगों को शिक्षित करना आवश्यक है। इसमें मौजूदा कानूनों को मजबूत करना, बाल संरक्षण सेवाओं के लिए धन बढ़ाना और बाल शोषण के संकेतों और प्रभावों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान लागू करना जैसे उपाय शामिल हो सकते हैं। सूचना के प्रसार का एक और प्रभावी तरीका स्कूलों में शिक्षकों, देखभाल करने वालों और नाबालिगों को दुर्व्यवहार के रूपों उपायों और अधिकारों के बारे में कार्यशालाएं आयोजित करना हो सकता है। इस अवसर पर प्रधानाचार्य, अध्यापकों और विद्यार्थियों ने भाग लिया।
फोटो नं. 2 एच.
जागरूकता शिविर में भाग लेते अधिकारी व बच्चे……………(डा. आर. के. जैन)

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