मांगें पूरी न होने पर सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारियों ने किया रोष प्रकट

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मांगें पूरी न होने पर सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारियों ने किया रोष प्रकट
केन्द्र सरकार की तर्ज पर बैंक कर्मचारियों की पेंशन भी होनी चाहिये अपडेट- सुरेश गर्ग
यमुनानगर, 12 मई (डा. आर. के. जैन):
शास्त्री कॉलोनी कम्युनिटी सेंटर के सभागार में सेंट्रल बैंक रिटायर्ड एसो. की द्विमासिक बैठक का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व चीफ मेनेजर सी. के. गर्ग ने की तथा संचालन सचिव सुरेश गर्ग ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में सेंट्रल बैंक ऑफिसर यूनियन चंडीगढ़ जोन के वाइस चेयरमैन एस. के. फूल ने भाग लिया। सभा में सभी पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा लम्बे समय से लंबित पड़ी मांगों को लेकर रोष प्रकट किया। मुख्य अतिथि ने संबोधित करते हुये कहा कि सरकारी बैंकों से सेवानिवृत कर्मचारी व अधिकारी बेहद बदतर हालात से गुजर रहे है, लेकिन सरकार इन लाखों पेंशनरों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। इसी बात को लेकर बार-बार धरने-प्रदर्शन किये जा रहे है, किन्तु सरकार है कि बात सुनने को तैयार ही नहीं हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि बैंक रिटायर्ड कर्मचारी केवल बैंक से मिलने वाली पेंशन पर ही निर्भर है वह अपना जीवन यापन सही प्रकार से कर सके इसके लिये सरकार को जल्द से जल्द मांगे पूरी कर देनी चाहिए, क्योंकि तेजी से बढ़ती महंगाई के कारण जीवन यापन मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने एसो. की गतिविधियों की जानकारी देते हुये कहा कि बैंक कर्मचारियों के पेंशन फंड का गठन 1995 में किया गया था, लेकिन उसके पश्चात से पेंशन अभी तक कोई संशोधन नहीं किया गया, एक्स ग्रेसिया देकर सांत्वना दी गई है। इस विषय में एसो. पदाधिकारियों व मैनेजमेंट के अधिकारियों की कई बार मीटिंग हो चुकी है, जिसमें सभी मांगे माने जाने का आश्वासन तो दिया जाता है, किन्तु मांगों को पूरा नहीं किया जाता है और सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस में भी बार-बार तारीखे लग रही है। सुरेश गर्ग ने कहा कि राज्य सरकार व केंद्र सरकार अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन योजना में संशोधन बढ़ोतरी कर रहे है, किन्तु इतना समय गुजर जाने के बाद भी बैंक कर्मचारी अपनी पुरानी पेंशन में गुजारा करने को मजबूर है। इतने लम्बे समय के बाद भी बैंक कर्मचारियों की पेंशन की योजना में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है सरकार को इसे तत्काल प्रभाव से अपडेट कर देना चाहिये। सी. के. गर्ग ने कहा कि सुपर सीनियर सिटीजन स्कीम का लाभ लेने के लिये बैंक द्वारा लगाई गई 15 लाख की शर्त को हटाया जाना चाहिए, हैल्थ इंशोरेश का वार्षिक खर्चा बैंक को वहन करना चाहिये अथवा इस प्रीमियम का कम किया जाना चाहिए जिससे की रिटायर्ड कर्मचारी इसे वहन कर सके, कंपटीशन की रिकर्वी को पिछले डेट से लागू किया जाना चाहिये। कार्यक्रम के दौरान सभी सदस्यों की समस्याओं को सुना गया और आश्वासन दिया गया कि जल्द ही इन समस्याओं का भी समाधान कराया जायेगा। इस अवसर पर वी. के. शर्मा, अजीत कुमार, ए. के. शर्मा, रतनलाल, राजेंद्र धीमान, एस. एल. खुराना, भोपाल सिंह, रिषीपाल सिंह, के. एल. खेत्रपाल, एस. के. गोरी, देवराज, आर. के. ओबराय, नीलम शर्मा, मुकेश गोयल, अनिल गुप्ता, सुमेर चन्द, राज कुमार आदि भारी संख्या में पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे।
फोटो नं. 1 एच.
रोष प्रकट करते पदाधिकारी व सदस्य……………..(डा. आर. के. जैन)

उप सिविल सर्जन ने किया बाल भवन का निरीक्षण
यमुनानगर, 12 मई (डा. आर. के. जैन):
जिला प्रशासन द्वारा जिला बाल संरक्षण इकाई के अंतर्गत अनाथ बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा व प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाती है।   इसी के चलते उप-सिविल सर्जन डा. दिव्या मंगला द्वारा बाल भवन मॉडल टाउन यमुनानगर का दौरा किया तथा उपस्थित बच्चों का उत्साह वर्धन किया। इस बारे जानकारी देते हुये उप-सिविल सर्जन डा. दिव्या मंगला ने बताया कि बाल संरक्षण इकाई द्वारा बाल भवन में बच्चों को सिलाई-कढ़ाई व कम्प्यूटर प्रशिक्षण के साथ-साथ अन्य प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है ताकि वे आने वाले भविष्य में स्वयं सक्षम हो सकें तथा अपनी रूची अनुसार व्यवसाय अथवा रोजगार कर सकें। डा. दिव्या मंगला ने कम्प्यूटर कोर्स करने वाले बच्चों से बात की तथा उन्हें अप्रेंटिसशिप बारे भी जानकारी प्रदान की। उन्होंने सभी को बताया कि कोर्स पूर्ण होने उपरांत बच्चे अप्रेन्टीसशिप कर सकते हैं, अप्रेन्टीसशिप के दौरान विभिन्न विभागों व संस्थानों द्वारा कार्यप्रणाली का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को प्रदान किया जाता है। जिससे की वे यह सिख सकें की कार्यालय में किसी प्रकार से कार्य किया जाता है, क्योंकि कोर्स के दौरान केवल कंप्यूटर चलाना सिखाया जाता है परन्तु विभाग अथवा कार्यालयों में कार्य करने का अनुभव बच्चों को अप्रेंटिस के दौरान ही प्राप्त होता है। जिससे उन्हें कार्य प्रणाली का अनुभव होता है तथा भविष्य में लाभ प्राप्त होता है। अतः: यदि बच्चे अप्रेन्टीसशिप करना चाहते हैं, तो वे आवेदन कर कार्य सिख सकते हैं।
फोटो नं. 2 एच.
केन्द्र का निरीक्षण करती उप सिविल सर्जन…………..(डा. आर. के. जैन)

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