मानव जीवन बहुत पुण्यों के संचय का फल आचार्य वसुनंदी महाराज

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चौसठ ऋद्धि मण्डलीय विधान का वृहद आयोजन तपोस्थली बोलखेड़ा पर 13 मार्च को
मानव जीवन बड़े ही पुण्यों के संचय से मिलता है। स्वर्ग के देवता भी मानव जीवन प्राप्त कर ही स्वयं का कल्याण कर सकते हैं क्योंकि वैराग्य केवल मनुष्य गति में ही धारण किया जा सकता है।अतः इस बहुमुल्य जीवन को व्यर्थ न गवांकर स्वयं की आत्मा के कल्याण में प्रशस्त करो, यही वास्तविक लक्ष्य है। उक्त प्रवचन आचार्य वसुनंदी महाराज ने जम्बूस्वामी तपोस्थली बोलखेड़ा में जैन श्रावकों से प्रकट किए।
आचार्य ने कहा कि हमें अपने लक्ष्यों को गूढ़ता से समझने की आवश्यकता है क्योंकि बिना लक्ष्य भटकाव ही भटकाव है।भटकाव से बचने व दिशायुक्त जीवन यापन के लिए सन्तों के सानिध्य व उनके मार्गदर्शन की नितांत आवश्यकता होती है।
जम्बूस्वामी तपोस्थली बोलखेड़ा से प्राप्त सूचना के अनुसार होली मिलन महोत्सव पर आचार्य वसुनंदी महाराज सहित चौबीस दिगम्बर मुनिराजों व आर्यिकाओं के सानिध्य में 13 मार्च को प्रातः से चौसठ मण्डलीय ऋद्धि विधान का वृहद आयोजन किया जाएगा जिसमे चौसठ परिवारों के द्वारा मंत्रो की आराधना की जाएगी। इसी दिन आचार्य के सुशिष्य जैन मुनि शिवानंद महाराज का चालीसवाँ अवतरण दिवस भी आयोजित किया जाएगा।
जैन दर्शन कवि सम्मेलन धुलण्डी पर तपोस्थली बोलखेड़ा पर धुलण्डी पर दोपहर को जैन दर्शन कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया जाएगा। जिसमे कवियों के द्वारा जैन सिद्धान्तों व आध्यात्मिक रचनाओं की प्रस्तुति रखी जायेगी।

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