मन मस्तिष्क को स्वस्थ रखने की उत्कृष्ट औषधि आगम वचन और बैलेंस डाइट शास्त्रों का स्वाध्याय है* आर्यिका वर्धस्व नंदनी

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(तिजारा अलवर) जिस प्रकार सावन की झड़ी लग रही है उसी प्रकार अतिशय क्षेत्र देहरा तिजारा में आचार्य वसुनंदी महाराज की शिष्या आर्यिका वर्धस्व नंदिनी माताजी के माध्यम से ज्ञान रूपी अमृत वर्षा की झड़ी लग रही है। आर्यिका श्री जीवन के सूत्र बताते हुए आर्ट ऑफ थिंकिंग विषय पर अपने उद्बोधन प्रतिदिन प्रातः कालीन प्रदान कर रही हैं।
 आर्यिका श्री वर्धस्व नंदनी माताजी ने कहा कि यदि जीवन में सम्यक प्रकार से जीना चाहते हो तो सर्वप्रथम अपनी सोच को सम्यक करो। क्योंकि स्वस्थ मन अर्थात स्वस्थ विचार ही स्वस्थ जीवन को जन्म देते हैं। आप तन को स्वस्थ रखने के लिए औषधि लेते हैं बैलेंस डाइट का उपयोग करते हैं। ऐसे ही मन मस्तिष्क को स्वस्थ रखने की उत्कृष्ट  औषधि आगम वचन और बैलेंस डाइट  आचार्य प्रणीत शास्त्रों का समय अनुसार स्वाध्याय करना है।उन्होंने विस्तृत विवेचना करते हुए कहा कि स्वस्थ तन तो सिर्फ एक जीवनी खराब करेगा किंतु अस्वस्थ विचार सोच व मन ना जाने कितने भवों को खराब कर देगा। इसलिए सम्यक सोचें सम्यक दिशा में गमन करें तभी जीवन सम्यक बन पाएगा। उन्होंने युवाओ आह्वान करते हुए कहा कि अवसाद में नही अपितु धर्म के प्रकाश में जीवन यापन करो।सकारात्मक सोच के साथ जीवन रूपी परीक्षा की कसौटी पर खरे उतरो यही सार्थकता है। धर्म जागृति संस्थान के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री संजय जैन बड़जात्या ने बताया कि देहरा तिजारा में आर्यिका संघ के सानिध्य में बारसाणुवेक्खा ग्रन्थ की वाचना चल रही है जिससे महती धर्म प्रभावना हो रही है।

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