नई दिल्लीः श्री नेमिनाथ दिगंबर जैन मंदिर मास्टर ब्लाक, शकरपुर में पधारने पर आचार्य श्री वसुनंदी जी महाराज के शिष्यों उपाध्याय श्री वृषभानंदजी और मुनि
श्री सदानंदजी महाराज का समस्त समाज ने भावभीना स्वागत किया। पिछले दिनों ही 3 जनवरी 2024 को उपाध्याय श्री वृषभानंदजी व विज्ञानंदजी को आचार्य श्री वसुनंदी जी महाराज ने एक विशाल धर्मसभा में उपाध्याय दीक्षा प्रदान की थी। अब यहां शकरपुर में दोनों महाराज जी के सान्निध्य में महामंत्र णमोकार का जाप्यानुष्ठान शुरू हुआ जो लगातार 6 मार्च तक चलेगा। उपाध्याय श्री वृषभानंदजी ने प्रवचन में अकबर और बीरबल के वार्तालाप का उदाहरण देते हुए सिद्ध किया कि दुनिया में सबसे मीठी वस्तु जबान होती है। मीठी जबान के कारण ही कोयल को सब चाहते हैं जबकि कर्कश आवाज के कारण कौए को सब दुत्कारते
हैं। मंदिर में भेदभाव, वाद-विवाद, झगडा, छल-कपट अथवा राग-द्वेष करने का फल यह होता है कि ऐसा व्यक्ति निश्चित रूप से किसी सेठ की कोठी में कुत्ते की
योनि में जन्म लेता है। छल-कपट आदि का यह फल मिला कि उसे कुत्ते की योनि मिली लेकिन मंदिर में दर्शन, पूजा-पाठ का यह फल मिला कि वह सेठ के यहां
जन्मा जहां खाना-पीना, लाड-प्यार अच्छा मिला। इसलिए हमें हमेशा सावधान रहना चाहिए। संतों के प्रवास से क्षेत्र में महत्ती धर्मप्रभावना हो रही है।
प्रस्तुतिः रमेश चंद्र जैन एडवोकेट नवभारत टाइमस, नई दिल्ली।
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